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रेत चोरी रोकना पुलिस की प्राथमिकता नहीं: सिंह

उत्खनन के सवाल पर डीजीपी ने पत्रकारों से कहा

मुरैना । प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि रेत उत्खनन और रेत की चोरी को रोकना पुलिस की प्राथमिकता में नहीं है। इसके लिए संबंधित विभागों को प्रभावी कार्यवाही करना चाहिए।
महानिदेशक श्री सिंह, सोमवार को समर हाउस पर प्रेसवार्ता में पत्रकारों से रूबरू थे। उनके साथ आईजी ग्वालियर आदर्श कटियार, चंबल रेंज आरएस मीणा, एसपी नवनीत भसीन मौजूद थे। फॉरेस्ट को एसएएफ की कंपनियां दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में एसएएफ की तीन कंपनी सुरक्षा बल वनविभाग को दिया गया है। जनता में पुलिस की छवि को सुधारने उन्होंने प्रभावी कार्यप्रणाली और पारदर्शिता के साथ पीडि़त को थानों से बाहर का माहौल दिए जाने की बात कही। अंचल में महिला थाने बनाए जाने के सवाल पर श्री सिंह ने कहा कि मौजूदा थानों में महिला कर्मचारियों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है। आरक्षक धर्मेन्द्र चौहान की मौत के मामले में पुलिस टीम की भूमिका पर उन्होंने कहा कि ट्रक को पकडऩे में उनका सहयोग संतोषप्रद नहीं पाया गया। जिसे लेकर उन्हें लाइन अटैच किया गया है।
उन्होंने कहा कि विगत 10-12 सालों में मध्यप्रदेश में अपराधों के ग्राफ में कमी आई है। प्रति लाख की आबादी पर प्रदेश में 192 से 205 अपराध पंजीबद्ध हुए हंै। जबकि देश के अन्य राज्यों में यह आंकड़ा कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में अपराधों को पंजीबद्ध किए जाने का प्रतिशत ज्यादा है।
15 अगस्त से शुरू होगी 100 डायल सेवा
श्री सिंह ने कहा कि त्वरित सहायता के लिए मप्र पुलिस द्वारा 15 अगस्त से प्रदेश भर में 100 डायल सेवा का शुभारंभ किया जाएगा। एक हजार वाहन प्रदेश के जिलों में 108 एंबुलेंस की भांति त्वरित सेवाएं देंगे।
कम्प्यूटरीकृत होगा अपराधियों का रिकार्ड
श्री सिंह ने कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी है। संचार तकनीकी सुदृढ़ करने, वाहन व्यवस्था के साथ पुलिस कर्मियों की आवास व्यवस्था भी बेहतर की जा रही है। उन्होंने कहा कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सिटी सर्विलांस सिस्टम के तहत प्रदेश के 61 शहरों में सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। फिंगर प्रिंट से अपराधियों की पहचान के लिए ऑटोमेटिक फिंगर पिं्रट आईडेंटिटीफाई सिस्टम शुरू किया जाएगा।
यातायात पुलिस को बनाया जाएगा आधुनिक
श्री सिंह ने कहा कि यातायात पुलिस को आधुनिक बनाने की प्रक्रिया जारी है। चालान की प्रक्रिया में बदलाव कर ऑटोमेटिक चालान प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसके तहत सर्विस प्रोवाईडर के जरिए संबंधित को चालान भेजे जाएंगे। 

Updated : 28 April 2015 12:00 AM GMT
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