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योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की बैठक से दूर रहे आप के नेता

योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की बैठक से दूर रहे आप के नेता
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नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी के बागी नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने देशभर के स्वयंसेवियों के साथ एक बैठक शुरू की है और आज के दिन को एक नई शुरुआत का नाम दिया है। वहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने इस समारोह में शिरकत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।यादव और भूषण ने आप के शीर्ष पदों से हटाए जाने के बाद भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए स्वराज संवाद नामक चर्चा आयोजित करने के अपने निर्णय की घोषणा की थी। इससे ये कयास लगाए जा रहे थे कि बैठक में एक नई पार्टी के गठन की घोषणा हो सकती है। आज सुबह 10 बजे इस सत्र की शुरुआत से पहले यादव ने कहा, मुझे यकीन है कि हमें यहां कुछ नया देखने को मिलेगा।उन्होंने कहा कि यह एक नई शुरुआत का दिन है। आप का संविधान पार्टी के आम सदस्य को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, जो कि कोई भी अन्य पार्टी नहीं देती और अगर कार्यकर्ता इस स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो मुझे यकीन है कि पार्टी इसका सम्मान करेगी। मैं जानना चाहता हूं कि कि क्या पार्टी ने अपना ही संविधान बदल दिया है।इस सम्मेलन के दौरान जो प्रमुख नेता मंच पर नजर आए, उनमें आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले गए चार सदस्य- यादव, भूषण, आनंद कुमार और अजित झा- तिमारपुर के विधायक पंकज पुष्कर और विभिन्न राज्यों में लोकसभा चुनावों के कई उम्मीदवार शामिल हैं।पुष्कर ने कहा, हमारी पार्टी नई है। अलग-अलग लोगों की अनुशासन पर अलग-अलग राय है। मेरा मानना है कि आज की बैठक हमारी पार्टी के आदर्शों के अनुरुप है। बैठक को एक घंटा हो जाने के बाद, एड़मिरल एल रामदास का एक ऑडियो संदेश मंच से सुनाया गया। रामदास को हाल ही में पार्टी के आंतरिक लोकपाल के पद से हटाया गया था।इस संदेश में रामदास ने कहा कि एकसंवाद को पार्टी विरोधी गतिविधि के रूप में नहीं देखा जा सकता और लोगों को एक लोकतंत्र में बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने गुड़गांव में चल ही इस बैठक में शामिल न हो पाने के लिए माफी मांगने के साथ ही कहा, मैं आप के किसी गुट विशेष से नहीं हूं। मेरे लिए आप एक ही है। पार्टी के सिद्धांत और छवि को सबसे ज्यादा नुकसान उस जोर-जबरदस्ती ने पहुंचाया, जो हाल में की गई और हम एक पार्टी के तौर पर बड़े शोचनीय ढंग से विफल रहे हैं, एक ऐसी पार्टी, जिसका गठन स्वराज के सिद्धांतों पर हुआ था।अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि आप की शक्तिशाली राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनई) बैठक के बाद इस संदर्भ में अगले कदम पर निर्णय लेगी। सिंह ने कहा, स्वराज संवाद पार्टी का समारोह नहीं है। पीएसी और एनई बैठक के बाद यह निर्णय लेगी कि क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।आम आदमी पार्टी के कई नेता और प्रमुख हस्तियां हाल में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किए गए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के सम्मेलन से दूर रहे और इसकी बजाए लिखित बयानों के जरिए उनके साथ एकजुटता दिखायी। पूर्व में दोनों नेताओं का पक्ष लेने के लिए पार्टी की नाराजगी झेल चुके पटियाला के आप सांसद धर्मवीर गांधी ने एक पत्र में पार्टी के मूल आदर्शों को मजबूत करने की दिशा में काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में पार्टी के मूल आदर्शों और मूलभूत सिद्धांतों के साथ मजबूती से खड़े होने और वैकल्पिक राजनीति का प्रतीक बन चुकी आप के भटकाव को रोकने के लिए सभी वैचारिक एवं संगठनात्मक मुददों पर निष्पक्ष तरीके से बहस करने की जरूरत है।स्वयंसेवकों को संबोधित पत्र में उन्होंने साथ ही उन्हें याद दिलाया कि पार्टी के फैसलों को लेकर एक वाचडॉग की भूमिका निभाना उनका अधिकार है और वे आप में किसी भी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि पार्टी के आदर्शों के लिए हैं। 

Updated : 14 April 2015 12:00 AM GMT
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