मेक इन इंडिया के लिए जर्मनी पहुंचे मोदी, हनोवर फेयर में निवेशकों को लुभाएंगे
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हनोवर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए रविवार को तीन दिवसीय जर्मनी यात्रा पर हनोवर पहुंचे। प्रधानमंत्री का यहां गर्मजोशी से स्वागत हुआ। इसके बाद प्रधानमंत्री ने जर्मन कंपनियों के सीईओ के साथ राउंड टेबल बातचीत की। माना जा रहा है प्रधानमंत्री मोदी भारत में जर्मन कंपनियों को मेक इन इंडिया अभियान में भागीदारी के लिए आमंत्रित करेंगे। मोदी की इस यात्रा का मुख्य फोकस बिजनेस और तकनीक हासिल करने पर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अप्रैल से तीन देशों फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर हैं।
प्रधानमंत्री सबसे पहले हनोवर फेयर का दौरा करेंगे। इसमें भारत इस साल की पार्टनर कंट्री है। करीब 400 भारतीय कंपनियां इस फेयर में हिस्सा ले रही हैं। इसमें 3000 जर्मन डेलिगेट्स के अलावा 100 से 120 भारतीय सीईओ उपस्थित रहेंगे। इस फेयर में 70 देश शिरकत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी चांसलर मर्केल के साथ फेयर के भारतीय पवेलियन का उद्घाटन करेंगे और भारत-जर्मन बिजनेस समिट को संबोधित करेंगे। वह हनोवर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर मर्केल बर्लिन में द्विपक्क्षीय संबंधों पर बातचीत करेंगे। इसमें भारत के विकास एजेंडे में जर्मन की भागीदार को लेकर चर्चा होगी। भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के एजेंडे के तहत प्रधानमंत्री मोदी बर्लिन में एक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे। वह सिमेंस के प्लांट का भी दौरा करेंगे। दोनों नेता हनोवर फेयर बिजनेस समिट को भी संबोधित करेंगे, जिसमें मुख्य फोकस ट्रेड प्रोमोशन और दोनों देशों के बीच परस्पर औद्योगिक भागीदारी पर होगा।
मेक इन इंडिया के लोगो का प्रोमोशन
प्रधानमंत्री मोदी की जर्मनी यात्रा से पहले ही जर्मनी की सड़कों पर ‘मेक इन इंडिया’ के शेर (लोगो) की ब्रांडिंग शुरू हो गई थी। वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय के तहत कार्यरत औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने हनोवर फेयर में एक भारतीय पवेलियन बनाया है। इस पवेलियन का मकसद मेक इन इंडिया कार्यक्रम के प्रमुख सेक्टर्स को प्रोमोट करना है। हनोवर सिटी, एयरपोर्ट, फेयरग्राउंड आदि में ‘मेक इन इंडिया’ के पोस्टर्स लगाकर ब्रांडिंड और पब्लिसिटी की जा रही है। माना जा रहा है हनोवर फेयर में बिजनेस, टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल साइंटिस्ट और नीति निर्माताओं के करीब दो लाख ग्लोबल लीडर्स हिस्सा लेंगे। यह फेयर जर्मनी में 13 से 17 अप्रैल तक चलेगा। भारत की ओर से केन्द्र सरकार की नई मुहिम को दर्शाते हुए 6 सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इसके टेक्नोलॉजी और निवेश के लिए जर्मनी की ओर से सहयोग की उम्मीद की जा रही है।
जर्मनी के सहारे मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
जर्मनी की इंडस्ट्रियल ताकत और हाई क्वालिटी प्रोडक्शन का लोहा पूरी दुनिया मानती है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का फोकस भारत के मैन्युफैक्चरिंग, क्लीन एनर्जी और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में जर्मन निवेश को बढ़ावा देने पर होगा। जर्मनी न सिर्फ यूरोप बल्कि विश्व की प्रमुख एक बड़ी अर्थव्यवस्था है। यूरोप में भारतीय निर्यात को बढ़ाने के लिए जर्मनी के रास्ते खुलने जरूरी हैं। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी जर्मनी टॉप 10 देशों में शामिल है।