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भारत व चीन की 18 वें दौर की उच्चस्तरीय सीमा वार्ता सोमवार से

नई दिल्ली | दुनिया की दो बड़ी ताकतों और एशिया के दो बड़े पड़ोसियों भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के मुद्दों को सुलझाने हेतु 18 वें दौर की उच्चस्तरीय वार्ता होगी। वर्ष 2014 में केंद्र में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुफिया विभाग के पूर्व मुखिया और रक्षा मामलों के विशेषज्ञ अजित डोवाल को राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्त किया और साथ साथ चीन से विवादित नियंत्रण रेखा के मुद्दे को भी सुलझाने के लिए डोवाल को ही विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया।चीन की तरफ से सभासद और विवादित नियंत्रण रेखा को सुलझाने हेतु नियुक्त विशेष प्रतिनिधि यांग जीची 22-24 मार्च को भारत में मौजूद रहेंगे और उनसे विशेष प्रतिनिधि अजित डोवाल उनसे 18 वीं दौर की विशेष प्रतिनिधि वार्ता के अंतर्गत चर्चा करेंगे।।इससे पूर्व भी अजित डोवाल और यांग के बीच 51 वें म्यूनिक सुरक्षा सम्मेलन के दौरान मुलाक़ात हुई थी। गौरतलब है की पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिंपिंग के भारतीय दौरे पर बातचीत में कहा था की सीमा मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना दोनों देशों के बीच नए युग की शुरुआत कर सकता है।शी जिंपिंग ने भी कहा था की दोनों देशों के मध्य वास्तविक नियंत्रण रेखा एक’ऐतिहासिक’ गलत फहमी का नतीजा है जिसे सुलझाने की ज़रूरत है। हालांकि, सितंबर मे जिंपिंग के दौरे के बाद से सकारात्मक तौर पर दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर शांति है और हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के दौरे पर जाकर दोनों देशों के दोस्ताना माहौल कायम किया। आने वाले कुछ हफ्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चीन के दौरे पर जाने वाले हैं जिसके संदर्भ में चीनी विदेश मंत्री ने भी हाल ही में बयान दिया था की चीन प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार और भव्य स्वागत करना चाहता है।

Updated : 22 March 2015 12:00 AM GMT
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