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फिर खुलकर सामने आ आई इंग्लैंड की वनडे की कमजोरी

सिडनी | हमने सोचा था कि 275 रन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हमें आंकड़ों पर ध्यान रखना होगा। बांग्लादेश के हाथों कल एडिलेड में हार के बाद इंग्लैंड के कोच पीटर मूर्स ने इन शब्दों के साथ एक तरह से राष्ट्रीय टीम के कोच के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की भी आखिरी लाइनें लिख दी।
इंग्लैंड विश्व कप से बाहर हो गया है और इससे एकदिवसीय क्रिकेट में उसकी वर्षों से चली आ रही कमजोरियां एक बार फिर से खुलकर सामने आ गई। इंग्लैंड आखिर बांग्लादेश से 15 रन से क्यों पराजित हो गया, इसके लिये आंकड़ों के जरिये गहन विश्लेषण करने की जरूरत नहीं है। कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दीनहीन माने जाने वाले बांग्लादेश ने लगातार दूसरे विश्व कप में इंग्लैंड को हराया है। सचाई यह है कि इंग्लैंड की टीम फिर से अच्छी बल्लेबाजी और अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पाई, लेकिन मूर्स के शब्दों से इंग्लैंड के क्रिकेट ढांचे की सख्ती का पता चलता है जहां कई खिलाड़ी स्वच्छंद होकर नहीं खेल पा रहे हैं।
टूर्नामेंट का ढांचा इस तरह से है कि सात सात टीमों के प्रत्येक पूल से चार चार टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी। ऐसे में किसी भी शीर्ष टीम के लिये अंतिम आठ में पहुंचना मुश्किल नहीं था। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्राड ने जनवरी में कहा था कि यदि हम क्वार्टर फाइनल में नहीं पहुंच पाते हैं तो फिर सारा दोष हमारा होगा।

Updated : 10 March 2015 12:00 AM GMT
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