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सौ साल पुराने जमीन अधिग्रहण के मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस

सोनीपत | सन् 1911-12 में अंग्रेजी हकुमत द्वारा दिल्ली को राजधानी बनाने के लिए मालचा गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। दिल्ली में संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और कई सरकारी इमारते इसी गांव की जमीन पर है लेकिन उस समय जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उन्होने न तो मुआवजा उठाया और न ही बदले में जमीन ही ली। साल 2014 में हुए भूमि अधिग्रहण बिल में बदलाव के बाद एक किसान ने दिल्ली उच्च न्यायाल में भूमि अधिग्रहण रद्द करने या मुआवजा देने की याचिका दायर की, जिसे दिल्ली उच्च न्यायाल ने मंजूर कर लिया है और 23 मार्च को केंद्र और दिल्ली सरकार को अधिग्रहण के बारे में जवाब तलब किया है।
सोनीपत के हरसाना मालचा गांव निवासी सज्जन सिंह के पूर्वज दिल्ली के मालचा गांव निवासी थे। उनके दादा गुलाब सिंह के पास करीब 08 हजार बीघे जमीन थी। दिल्ली को राजधानी बनाने के लिए 1911-12 में अंग्रेजी हकुमत ने इनकी जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के बदले मुआवजा न उठाने की सूरत में गुलाब सिंह की हत्या कर दी गयी थी और गुलाब सिंह का परिवार सोनीपत में आकर बस गया। 2014 में हुए भूमि अधिग्रहण बिल में बदलाव के बाद इस परिवार को अपनी जमीन वापस मिलने की उम्मीद जगी है।
गुलाब सिंह के पोते सज्जन सिंह ने अपने हिस्से की 155 बीघे जमीन को वापस पाने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दाचर की जिस पर कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से 23 मार्च को जवाब तलब किया है। नये भूमि अधिग्रहण बिल में 24-2 के अनुसार जिन किसानों जमीन अधिग्रहण के 05 साल बाद मुआवजा नहीं उठाया है और उस जमीन पर सरकारी इमारत नहीं बनी तो किसानों की जमीन वापस किसानों को मिलनी चाहिए अगर सरकार ने जमीन को प्रयोग मे ले लिया है तो किसान को उसका मुआवजा दिया जायेगा। सज्जन सिंह ने 19 दिस्मबर 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगायी थी जिस पर कोर्ट ने 23 दिस्मबर को जस्टिस बीडी अहमद और आई एस मेहता ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और भूमि एवं भवन विभाग के सचिव को 23 मार्च 2015 को जवाब दाखिल करने को कहा है।
हाइकोर्ट में याचिका लगाने वाले किसान सज्जन सिंह का कहना है कि उनकी जमीन के 1911-12 के कागजात उनके पास है जिसे सरकार ने अपने प्रयोग में लाने की बजाये। निजी कंपनियों को पट्टे पर दे रखा है जो 2014 में भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार किसान को वापस की जायेगी। सज्जन सिंह ने कहा कि इस मालचा गांव के भूमि अधिग्रहण बडा घोटाला है लेकिन उन्हे न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है कि उनके साथ न्याय होगा और जमीन अधिग्रहण रद्द कर उनकी जमीन वापस होगी।

Updated : 20 Feb 2015 12:00 AM GMT
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