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फर्जी रजिस्ट्री कराने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश

एसडीएम ने जांच उपरांत दिए आदेश

डबरा | फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मृतक व्यक्ति के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा कर भूखण्ड का फर्जी विक्रय पत्र सम्पादित कराने वाले गवाहों एंव क्रेता के खिलाफ एसडीएम ने अपराध पंजीबद्ध किये जाने के निर्देश दियें हैं।
ग्राम बिलौआ तहसील डबरा स्थित भू खण्ड जिसका सर्वे क्रमांक 59 रकबा 1200 वर्गफीट ग्राम बैरागढ़ में स्थित हैं उक्त भूखण्ड को मकोड़ा निवासी सत्येन्द्र सिकरवार ने अपने साथियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करवाकर अपने नाम रजिस्र्टड विक्रय पत्र सम्पादित करवा लिया था। जिसकी शिकायत भागवती बाई पत्नि स्व. राजाराम चौरसिया द्वारा कलेक्टर से की गई थी। जिसकी जांच एसडीएम डबरा द्वारा की गई। जांच के दौरान सामने आया कि भागवती बाई के पति राजाराम चौरसिया के बडें भाई भागवानसिंह के स्वत्व एंव स्वामित्व एंव आधिपत्य का एक भूखण्ड ग्राम बैरागढ़ में स्थित है। भगवान सिहं के कोई औलाद नही थी। उनकी पत्नी की भी मृत्यु हो चुकी हैं। इस कारण भगवानसिहं के छोटे भाई की पत्नि एंव दोनो बच्चे भगवानसिंह के वैद्य उत्तराधिकारी हैं। महिला भागबती बाई ने शिकायत में बताया कि उसके जेठ भगवानसिंह की मृत्यु के उपरांत सत्येन्द्र सिंह सिकरवार पुत्र ग्याप्रसाद सिकरवार निवासी मकोड़ा ने जेठ भगवानसिंह के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को खड़ाकर भगवानसिंह के स्वत्व,स्वामित्व एंव आधिपत्य का भूखण्ड फर्जी गवाह बनाकर अपने नाम करा लिया है। शिकायत प्राप्त होते ही एसडीएम ने अपने न्यायालय में प्रकरण दर्ज कर उप पंजीयक डबरा से वांछित अभिलेख मंगवायें तथा विक्रयपत्र एंव अनुबंध पत्र के साक्षियों को तलब कर कथन लिपिबद्ध कियें। जहां गवाहों द्वारा विक्रेता को पहचानने से इंकार कर देनें एंव वोटर कार्ड का मिलान न होने पर एंव विक्रय पत्र चस्पा फोटो में अंतर होने पर एसडीएम डॉ पंकज जैन ने प्रथमदृष्टया वोटर आई डी फर्जी तरीके से तैयार किया जाना मानते हुए। कूटरचित दस्तावेजों से अनुबंध पत्र सम्पादित कराया जाना एंव फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विक्रय पत्र तैयार करवाकर उपपंजीयक कार्यालय से निष्पादित कराना पाया है। एसडीएम ने उक्त कृत्य के लिए सत्येन्द्र सिकरवार, गवाहन विनोद पुत्र गोविन्द आदिवासी, अरूण पुत्र कमल सिंह चौरसिया, शंकरलाल पुत्र बैजाराम, करन शिवहने पुत्र प्रमोद शिवहरे, तेजप्रकाश पुत्र हरीचरण बाथम एंव दस्तावेज लेखक अभय कुमार जैन के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने के आदेश थाना प्रभारी को दिये हैं।
गवाहों ने किया इंकार
रजिस्ट्री के लिए फर्जी रजिस्टर्ड अनुबधं पत्र पर गवाह बनाकर हस्ताक्षर करने वालों ने सत्येन्द्र सिकरवार के नाम से कोई नोटरी करने से इंकार कर दिया। तथा नोटरी पर किये हस्ताक्षरों भी उन्होनें अपने नही बताये अनुबंध पत्र के गवाह शंकरलाल चौरसिया ने नोटरी पर हस्ताक्षर होने एवं अनुबंध पत्र पर लगे फोटो को भगवानसिंह का फोटो होने से इंकार कर दिया। वही दूसरे गवाह अरूण चौरसिया ने भी अपने हस्ताक्षर होना स्वीकार तो किया। लेकिन फोटो पहचानने से इंकार कर दिया। तीसरे गवाह विनोद आदिवासी ने बताया कि जो फोटो लगी हैं उसे वह नही जानता है। उसने बताया कि अरूण चौरसिया ने बताया था कि यह भगवान सिहं उसी के कहने पर मैने हस्ताक्षर किये थे।वही रजिस्टर्ड विक्रय पत्र पर बतौर गवाह हस्ताक्षर करने वाले करन शिवहरे एंव तेजप्रकाश ने भी भगवानसिंह को पहचनाने से इंकार किया हैं। उन्होनें एग्रीमेंट एंव पूर्व के फोटो एंव वोटर कार्ड के आधार पर पहचानकर अंगूठा एंव साइन किये जाने की बात कही है।

Updated : 7 Dec 2015 12:00 AM GMT
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