Home > Archived > कुलैथ में मोरों की मौत पर तनाव

कुलैथ में मोरों की मौत पर तनाव

दो समुदाय आए आमने-सामने दिन भर पुलिस छावनी बना रहा पूरा गांव
ग्वालियर। बीलपुरा वन चौकी के अंतर्गत कुलैथ गांव के एक खेत में मरे मिले मोरों को लेकर गांव के दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। इससे पूरे गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद माहौल शांत हुआ। इस दौरान दिन भर पूरा गांव पुलिस छावनी बना रहा।
जानकारी के अनुसार शनिवार को सुबह गांव के लोगों ने पं. दीनदयाल शर्मा के खेत में मृत हालत में मोर पड़े देखे तो बीलपुरा वन चौकी प्रभारी को सूचना दे दी। इसके बाद उप वन मंडल अधिकारी जी.के. चंद एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी ज्योति छावरिया वन कर्मचारियों के साथ गांव में पहुंचे, जहां एक खेत में 15 मोर, आठ तीतर और एक परेवा कुल 24 पक्षियों के शव पड़े मिले। वन अधिकारियों ने ग्रामीणों से पूछताछ की तो कुछ लोगों ने एक समुदाय विशेष के लोगों पर मोरों को मारने का आरोप लगाया। इसके बाद दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और पूरे गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई।
गांव में दंगा भड़कने की संभावना को देखते हुए उप वन मंडल अधिकारी श्री चंद ने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। इसके बाद एडीएम सहित अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे, जिन्होंने दोनों समुदायों के लोगों को बार-बार समझाया। तब कहीं जाकर शाम तक माहौल शांत हो सका। गांव में व्याप्त तनाव शांत होने के बाद शाम को पुरानी छावनी पशु अस्पताल में मृत पक्षियों का अंत:परीक्षण कराया गया। इसके बाद वन उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। वन अधिकारियों का कहना है कि अंत:परीक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद ही पक्षियों की मौत का कारण पता चल सकेगा।

कीटनाशक से हुई पक्षियों की मौत
उप वन मंडल अधिकारी श्री चंद ने बताया कि चूंकि मौके पर मृत मिले पक्षियों के सभी अंग सुरक्षित मिले हैं। इससे लगता है कि इस घटना में किसी शिकारी या किसी व्यक्ति विशेष का हाथ नहीं है। उन्होंने बताया कि चंूकि जिस स्थान पर उक्त पक्षी मृत मिले हैं, वहां आसपास के खेतों में हाल ही में गेहूं की बोवाई की गई है। इन खेतों में कीटनाशक भी डाला गाया है। इससे प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त पक्षियों की मौत खेतों में बोए गए कीटनाशक दाने खाने से हुई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में वन अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है। साथ ही मौत की सही वजह का पता लगाने के लिए सभी मृत पक्षियों का बिसरा एवं आसपास के खेतों की मिट्टी के नमूने जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे जाएंगे।
मरणासन्न हालत में मिले दो मोर
वन परिक्षेत्र अधिकारी श्रीमती छावरिया ने बताया कि घटना स्थल पर दो मोर मरणासन्न हालत में भी मिले हैं। पुरानी छावनी पशु अस्पताल में इलाज कराने के बाद बीलपुरा वन चौकी पर वन कर्मियों की निगरानी में रखा गया है। जब यह दोनों पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगी। उसके बाद ही उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा।

Updated : 22 Nov 2015 12:00 AM GMT
Next Story
Top