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बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश, ट्रेन में मिले बच्चे का खर्च उठाए रेलवे

मुंबई। अब रेलवे के क्षेत्र में कोई बच्चा मिलता है तो रेलवे विभाग का यह नैतिक दायित्व है कि वह बच्चे का मेडिकल खर्च वहन करेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऎसे ही मामले पर मंगलवार को सुनवाई करते रेलवे को विरार स्टेशन पर ट्रेन में मिले एक माह के बच्चे का मेडिकल खर्च उठाने का आदेश दिया। गौरतलब है कि विरार रेलवे स्टेशन पर रविवार रात एक महीने का बच्चा मिला।
स्टेशन मास्टर को इस बारे में पता चलने पर बच्चे को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, अस्पताल प्रशासन ने बच्चे का इलाज करने से इंकार कर दिया। क्योंकि पहले रेलवे ने बच्चे का खर्च उठाने से इंकार किया था।
इस पर ऎक्टिविस्ट समीर जावेरी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की। जजों की एक डिविजन बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऎसे मामलों में रेलवे को मदद करनी चाहिए। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी स्टेशन मास्टरों को इस ऑर्डर की एक प्रति भी दी जाएं। कोर्ट के फैसले के बाद अब बच्चे की देखरेख भिवंडी के एक चिल्ड्रंस होम में की जा रही है।

Updated : 28 Oct 2015 12:00 AM GMT
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