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आर्थिक मदद की तलाश में वेनेजुएला के राष्ट्रपति चीन और ओपेक देशों की यात्रा पर

काराकस। तेल के लगातार गिरते दामों और चरमराती अर्थव्यवस्था से घिरे अपने देश के लिए आर्थिक मदद की तलाश में वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने चीन एवं ओपेक के सदस्य देशों की यात्रा शुरू की है। मादुरो चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ आर्थिक, वित्तीय, उर्जा, तकनीकी, शैक्षणिक और विकास परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण अमेरिका में तेल के धनी वेनेजुएला ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की थी कि वार्षिक मुद्रास्फीति के शीर्ष 63 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने के साथ ही वह मंदी के दौर में प्रवेश कर चुका है। इसके कारण पहले से ही तेल की गिरती कीमतों और आयात की कमी से प्रभावित अर्थव्यवस्था की स्थिति और अधिक बिगड़ गई है।
मादुरो ने माइराफ्लोर्स प्रेजीडेंशियल पैलेस से कल अपने संबोधन में कहा कि तेल की कीमतों में अचानक गिरावट के कारण राजस्व में भारी कमी आ गई है। उन्होंने कहा कि हमारे देश को प्रभावित कर रही परिस्थितियों से निपटने के लिए नई परियोजनाएं लाने के लिहाज से यह एक बहुत महत्वपूर्ण दौरा है। मादुरो ने कहा कि वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ आर्थिक, वित्तीय, उर्जा, तकनीकी, शैक्षणिक और विकास परियोजनाओं पर चर्चा करेंगे।
ऐसा माना जा रहा था कि मादुरो इन मुद्दों पर विनिमय उपायों की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन इसके बजाय, राष्ट्रपति ने एक रणनीतिक भंडार की घोषणा की। इसके लिए मुद्रा विनिमय नियंत्रण का प्रबंधन करने वाला एक नया बोर्ड नियुक्त किया और वस्तुओं के वितरण पर नियंत्रण के लिए नई एजेंसियां गठित कीं।
गौरतलब है कि वेनेजुएला के तेल की कीमतें जून 2014 के बाद से 50 प्रतिशत से अधिक गिर गयी हैं। यह तेल दिसंबर के अंत में 46.97 डॉलर की दर से बिक रहा था। कीमतों की इस गिरावट से वेनेजुएला की आय में नाटकीय ढंग से कमी आई है। वेनेजुएला को अपनी विदेशी मुद्रा का 96 प्रतिशत हिस्सा तेल निर्यात के जरिए मिलता है। ऐसा माना जाता है कि वेनेजुएला में दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार हैं लेकिन भोजन और दवाओं समेत मूलभूत वस्तुओं के लिए वह मुख्यरूप से आयात पर निर्भर है।

Updated : 5 Jan 2015 12:00 AM GMT
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