Home > Archived > सीईओ पर भारी पंचायत सचिव

सीईओ पर भारी पंचायत सचिव

* सूचना के अधिकार की उड़ाई जा रही धज्जियां
* जानकारी दिलाने जिलाधीश को दिया आवेदन

भिण्ड। सूचना का अधिकार अधिनियम इस मंशा से लागू किया गया था, ताकि अधिकारी व कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग न कर सकें और आम नागरिक क्रियाकलापों की जानकारी प्राप्त कर सकें, लेकिन शायद इसे हठधर्मिता ही कहेंगे कि सूचना के अधिकार के तहत आवेदक को जानकारी नहीं दी जाए। ऐसा ही एक मामला अटेर जनपद अंतर्गत जमसारा गांव में सामने आया है, जहां गांव के एक नागरिक ने अपनी ग्राम पंचायत में हुए निर्माण कार्य की जानकारी के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन दिया, लेकिन निश्चित समयावधि गुजरने के बाद भी आवेदक को जानकारी नहीं मिल पाई है। इस मामले में जिला पंचयत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर ग्राम पंचायत सचिव भारी पड़ रहा है।

यह है मामला
जमसारा निवासी फूलसिंह नरवरिया ने जमसारा ग्राम पंचायत में हुए निर्माण कार्य, मस्टर रोल, इन्दिरा आवास के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की सूची आदि की जानकारी के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन किया गया था, लेकिन समय निकल जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद आवेदक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी अटेर के समक्ष अपील की, लेकिन वहां से भी जानकारी नहीं मिल पाई।

मनमानी पर उतारू पंचायत सचिव
आवेदक को जानकारी न मिलने की स्थिति में सीईओ के समक्ष अपील की गई। सीईओ द्वारा इस संबंध में दो बार सचिव को पत्र जारी कर जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया। बावजूद इसके जानकारी नहीं मिल सकी। आवेदक को सीईओ कार्यालय से पत्र भेजा गया, जिसमें साफ इंगित है कि सीईओ द्वारा बार-बार सचिव को नोटिस देकर जानकारी सहित कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया। बावजूद इसके सचिव ने जानकारी नहीं दी। पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि सचिव द्वारा जानकारी नहीं दी जा रही है, जिसके चलते सीईओ कार्यालय जानकारी उपलब्ध नहीं करा सकता। इससे साफ पता चलता है कि ग्राम पंचायत सचिव किस कदर मनमानी पर उतारू है।

जिलाधीश को आवेदन देकर लगाई गुहार
सीईओ कार्यालय से मिले पत्र के बाद आवेदक ने जिलाधीश के यहां आवेदन देकर जानकारी दिलाने की मांग की है। सूचना के अधिकार के तहत नियमानुसार जानकारी दी जानी चाहिए, लेकिन अधिकारी व कर्मचारी जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। यह कहने में कतई दोराय नहीं है कि ग्राम पंचायतों में बड़े स्तर पर फर्जीबाड़ा है, जिसके चलते जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है।
इनका कहना है
ग्राम पंचायत में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। अगर निर्माण कार्यों में अनियमितताएं नहीं हुई हैं तो फिर जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं कराई जा रही है
फूलसिंह, आवेदक
यह जानकारी आपके द्वारा मेरे संज्ञान में लाई गई है। मैं दिखवाता हूं। आखिर जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है।
मधुकर आग्नेय, जिलाधीश

Updated : 22 Jan 2015 12:00 AM GMT
Next Story
Top