Home > Archived > मुख्यमंत्री हेल्पलाइन,समस्याओं का गंभीरता से करें निराकरण

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन,समस्याओं का गंभीरता से करें निराकरण

समयसीमा के प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित

भिण्ड। नवागत जिलाधीश मधुकर अग्नेय ने कहा है कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं का क्रियान्वयन समय-सीमा में किया जाए। साथ ही सीएम हैल्पलाईन समस्याओं का निराकरण गंभीर होकर करें। इस दिशा में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाए। साथ ही मुख्यमंत्री हैल्पलाईन के अंतर्गत लेवल तीन और चार की पेंडेंसी का नियमित रूप से रिव्यू कर उनके निदान की पहल जारी रखी जाए। वे आज जिलाधीश कार्यालय भिण्ड के सभाकक्ष में आयोजित विभिन्न विभागों में लंबित सीएम हैल्पलाईन, समय-सीमा के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त जिलाधीश पी.के. श्रीवास्तव, संयुक्त जिलाधीश अनुज रोहतगी एवं श्रीमती उमा करारे, एसडीएम लहार राजेश सिंह राठौर, भिण्ड बी.बी. अग्निहोत्री, गोहद आर.सी. मिश्रा, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास डी.एस. जादौन, सशक्तिकरण अधिकारी संतोष सिंह, उप संचालक सामाजिक न्याय एस.बी. कबीरपंथी, उप महाप्रबंधक विद्युत अशोक शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह भदौरिया, आर.टी.ओ. बी.एस. राठौर सहित विभिन्न विभागों के कार्यालय प्रमुख, जिले के तहसीलदार, जनपद पंचायत के सी.ई.ओ. और नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधीश अग्नेय ने कहा कि समय-सीमा के प्रकरणों का निराकरण सात दिन में किया जाए। इस दिशा में गंभीरता पूर्वक जनता के हित में प्रकरण निराकृत किए जाए। उन्होंने कहा कि टी.एल. से संबंधित 400 पत्र विभिन्न विभागों में लंबित है, जिनका निराकरण स्वयं और अधीनस्थ अमले के माध्यम से कराया जाएं। उन्होंने कहा कि मंत्रीगणों, प्रभारी मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों का निराकरण नियमानुसार और शासन की नीतियों के अनुसार किया जाए। साथ ही पोजिटिव वे में डिस्पोजल किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री हैल्पलाईन एवं समय-सीमा के प्रकरणों और जनप्रतिनिधियों के पत्रों के निराकरण की अधिकारीवार समीक्षा की। साथ ही उन्हें प्रकरणों का निराकरण संवेदनशील होकर समय पर करने के निर्देश दिए।

जिलाधीश की बिना अनुमति के न छोड़ें मुख्यालय
नवागत जिलाधीश मधुकर अग्नेय ने समयसीमा के प्रकरणों के समीक्षा बैठक में कार्यालय प्रमुखों को दिशा निर्देश दिए कि बिना जिलाधीश की अनुमति से कोई भी अधिकारी अपना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगा। अगर उनको न्यायालय में प्रकरण व अन्य महत्वपूर्ण कार्य से मुख्यालय से बाहर जाना है तो उसके लिए भी जिलाधीश से अनुमति ली जाए। 

Updated : 9 Sep 2014 12:00 AM GMT
Next Story
Top