नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक सोच नहीं है बल्कि इस सोच पर खरा उतरना हम सब की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया एक शेर द्वारा उठाया गया कदम है। इस मौके पर उन्होंने एक वेबपोर्टल 'मेकइनइंडियाडॉटकॉम' भी लॉन्च किया। इस पोर्टल पर निवेशकों की मदद के लिए कई सवालों के जवाब उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने इस अभियान को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को समर्पित किया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए एफडीआइ का अर्थ 'फर्स्ट डेवलप इंडिया' है। अपने भाषण में उन्होंने जहां भारत की मैन पावर का जिक्र किया वहीं ई-क्षेत्र, डिजिटल इंडिया और इससे जुड़े तमाम क्षेत्रों के साथ लिंक वेस्ट का एक नया नारा भी दिया। मोदी ने कहा कि लिंक वेस्ट के तहत सरकार देश में निकले कचरे के जरिए देश का विकास करेगी। इसको पीपीपी मॉडल के तहत किया जाएगा। उन्होंने उद्योगपतियों को इस प्रोजेक्ट के लिए आगे आने को कहा। अपने भाषण में उन्होंने मंगलयान की कामयाबी के लिए भारत के इंजीनियरों की पीठ भी थपथपाई।
प्रधानमंत्री ने टूरिज्म और हॉस्पिटल इंडस्ट्री के लिए भी संभावनाएं तलाशने के लिए उद्योगपतियों को आगे आने का न्यौता दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि देश में मौजूद नियमों को कम से कम कर उद्योगों को मजबूत किया जाए। पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के देशों को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उनके लिए बाजार कहां मौजूद है। भारत एक ऐसा देश है जहां दुनिया के उद्योगपतियों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध है। इस सोच और विचार को पूरे विश्व में फैलाना है।
अपने भाषण की शुरुआत में मोदी ने बैठक में उद्योगपतियों को जगह नहीं मिलने पर माफी मांगी। विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने विदेश पलायन को रोकने पर बल दिया। साथ ही कहा कि उद्योगपतियों को सरकार पर भरोसा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश की जनता हाथों की शक्ति को बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
मोदी ने देश के विकास के लिए राज्यों से केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भी आहवान किया। उन्होंने कहा कि यदि राज्यों का विकास होगा या वहां उद्योग लगेंगे तो यह देश का ही विकास है। मोदी ने कहा कि राज्यों के रास्ते ही देश का विकास संभव है। मंच से उन्होंने अपनी सरकार और अपनी प्रशासनिक व्यवस्था की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करने वाले वाले सभी अफसर उनसे अधिक सकारात्मक सोच वाले हैं जो एक कदम आगे बढ़कर काम करते हैं। उन्होंने देश और विदेश के उद्योगपतियों से भारत के विकास में सहयोग करने की अपील की।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अभियान और केंद्र सरकार के नजरिए को वहां मौजूद उद्योगपतियों के समक्ष पेश किया। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया एक मिशन है, जिसके तहत लालफीताशाही से छुटकारा पाना सरकार का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम में मौजूद देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी और कुमार मंगलम बिड़ला ने केंद्र के इस अभियान की जमकर तारीफ की है। इन दोनों उद्योगपतियों का मानना है कि इस अभियान से देश में विकास की रफ्तार तेज होगी। अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी अगले डेढ़ वर्ष में सवा लाख रोजगार मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि मोदी का पीएम बनना देश का सौभाग्य है। इस कार्यक्रम में करीब तीस देशों के उद्योगपति भाग ले रहे हैं।
मेक इन इंडिया अभियान के तहत केंद्र सरकार ने देश में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए 25 क्षेत्रों की पहचान की है। सरकार ने ऐसे प्रमुख उद्योग क्षेत्र चुने हैं जिनमें भारत आगे चलकर मैन्यूफैक्चरिंग के लिहाज से दुनिया भर में अगुआ देश बन सकता है।
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मेक इन इंडिया सिर्फ एक सोच नहीं बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी: मोदी
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Updated : 2014-09-25T05:30:00+05:30
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