रक्षाबंधन पर राखियों से सजा बाजार
दतिया । रक्षाबंधन का त्यौहार भाई बहन के लिए बहुत महत्व रखता है। बहनें अपने भाइयों को राखी खरीदने के लिये महंगाई की परवाह न करते हुए महंगी से महंगी राखी खरीद रही हैं। वहीं भाई भी बहनों को देने के लिए उपहार खरीद रहे हैं।
नवविवाहितों में सर्वाधिक उल्लास
श्रावणी पर्व वैसे तो भाई बहन के पावन स्नेह का प्रतीक है। लेकिन इस पर्व पर सर्वाधिक उत्साह उन नवविवाहिताओं में दिखाई दे रहा है। जो बेटियों के रूप में ससुराल से मायके लौटकर आई हैं। अपने विवाह के बाद पहला या दूसरा रक्षाबंधन मनाने वाली नवविवाहिताओं में जहां अपने भाईयों को रक्षासूत्र बांधने का उल्लास है वहीं इसके लिए सजने संवरने की चाह भी कुछ कम नहीं है। इनका यही उल्लास सौन्दर्य प्रसाधन तथा वस्त्र आभूषण की दुकानों से लेकर ब्यूटी पार्लर तक लगी भीड़ के रूप में नजर आ रहा है।
बच्चों की पसंद की राखियां बाजार में
राखियों के बाजार सज-धज कर तैयार हो गए हैं। राखियों की दुकानों पर बड़ों के साथ-साथ बच्चों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। बच्चों के लिए स्पाईडर मैन, मिक्की माउस, आदि के डिजाइन से सुसज्जित करके बनाया गया है। वहीं बड़ों के लिए कलावा एवं कच्चे धागे की राखियों के सोने व चांदी की राखियां भी बाजार में दिखाई दे रही हैं।
बाजार में महिलाओं की रही भीड़
राखियों की दुकानों के अलावा महिलाओं की विशेष भीड़ इस समय चूड़ी व मेहंदी की दुकानों पर भी विशेष रूप से देखी जा रही है। क्योंकि महिलाओं का मुख्य पसंदीदा गहना चूडिय़ां भी हंै। मेहंदी लगे हाथों में विभिन्न डिजाइनों के सुसज्जित चूडिय़ां भी महिलाओं द्वारा पसंद की जाती है।
भाईयों ने खरीदे उपहार
रक्षाबंधन के त्यौहार को लेकर जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई को सजाने के लिए तरह-तरह की आकर्षक तथा मनभावन राखियां खरीद रही हैं। वहीं भाई भी अपनी बहनों को उपहार देने के लिए तरह तरह की सामग्री खरीदते नजर आ रहे हैं।
मुख्य बाजार के हर आठ दस कदम की दूरी पर सजी राखी की दुकानों से लेकर ज्वैलरी, सौन्दर्य प्रसाधन से लेकर महिलाएं जमकर खरीदारी कर रही हैं।