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पौधारोपण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च

वन आवरण कम होने से वन क्षेत्रों में हो रही है अवैध कटाई

पोहरी। वन परिक्षेत्र पोहरी के अंतर्गत एक वर्ष पूर्व लगाए गए पौधों के बाद भी अधिकांश पौधे देखभाल के अभाव में नष्ट हो गए वन विभाग द्वारा करोड़ों रु. खर्च कर ग्राम वन समितियों व प्लांटेशनों में पौधे लगवाए थे और उनकी देखरेख के लिए एक चौकीदार भी ग्राम वन समितियों के माध्यम से रखे गए थे लेकिन आज जमीनी हकीकत देखी जाए तो पौधारोपण के नाम पर करोड़ों खर्च करने के बावजूद अधिकांशत: वृक्षारोपण के लगाए गए पौधौं का अस्तिव ही नष्ट हो चुका है। जबकि कागजों में रखरखाव का खर्चा डाला जा रहा है लेकिन आज मौदानी हालात जस के तस बने हुए हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आधे पौधे भी आज अस्तित्व में होते तो वन आवरण बढऩा तय था पूर्व में जारी फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया 1/4एफएसआई 1/2 वर्ष 2013 की रिपोर्ट बताती है कि दो वर्षों मे वन आवरण अवैध कटाई के चलते कम हुआ है जिसकी एफएसआई की रिपोर्ट ने पोल खोलकर बताया कि वन आवरण कम होना वन क्षेत्रों में अवैध कटाई को माना है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व में पौधारोपण की मौदानी हकीकत जानने के लिए एक रिपोर्ट किसी थर्ड पार्टी से तैयार कराने के निर्देश दिए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अपर मुख्य वनसंरक्षक वर्किंग प्लान एस.एस. अहलावत ने बताया था कि सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट जिसमें वन आवरण कम होना बताया गया है वहां के अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन आज तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
यही कारण है कि पूर्व में अप्रैल 2014 में पोहरी वन क्षेत्रांतर्गत आने वाले मिश्रित वृक्षारोपण नयागांव के क्षेत्रफल 50 हैक्टेयर कक्ष क्र. पी-759 में रोपे गए पौधों में से करीबन दस बीघा के हिस्से में आग लगने से सैकड़ों पौधे जलकर राख हो गए थे तथा कुछ पौधे पहले से ही सूख कर नष्ट हो चुके थे इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस तरह के हादसे होने पर वनों में पौधे कैसे जीवित रहेंगे।

Updated : 3 Aug 2014 12:00 AM GMT
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