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पहले जंगल काटा अब रोप रहे हैं पौधे

पहले जंगल काटा अब रोप रहे हैं पौधे
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* जंगल काटकर हजारों बीघा जंगल साफ कर खेती कर रहे दबंग
* कई पेड़ों की छाल उतारकर नष्ट किया जा रहा है जंगल


संतोष शर्मा / पोहरी।
एक ओर जहां सरकार जंगल व हरियाली बचाने लाखों रुपए भाडा देकर जंगल में लगाने करोड़ों के पौधे खरीदकर लाए जा रहे हैं। वहीं पोहरी वन क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी चंद रुपयों के लालच में जंगल उजड़वा रहे हैं। एक साल में ही लाखों की संख्या मे पेड़ों से छाल उतार कर व पेड़ों को नष्ट किया जा चुका है यही कारण है कि आज पोहरी क्षेत्र के जंगल में जहां हरे-भरे पेड़ हुआ करते थे वहां आज वृक्ष कम मैदान अधिक दिखाई देता है।
पिछले कुछ दिनों से जिले की उडऩदस्ता टीम ने कई स्थानों पर हरे पेड़ों की लकडिय़ों से भरी ट्रॉलियां व पेड़ों से उतारी गई छाल से भरी बोरियां उडऩदस्ता टीम द्वारा लगातार पकड़ी जा रही है यह सोचनीय पहलू है। जंगल से पेड़ों की कटाई कर छाल उतारी जा रही है जिसकी भनक तक वन विभाग के अधिकारियों तक को नहीं लगती है जबकि पेड़ों की कटाई हो या उनसे छाल उतारना हो इस प्रक्रिया में कई दिन व महीने लगते हैं। इससे यह साबित होता है कि वन विभाग की मिलीभगत से पेड़ों की कटाई कर छाल उतारने का गोरखधंधा जोरों से चल रहा है।
वन विभाग द्वारा न्यायालय के आदेश तक की अवहेलना करते हुए प्रकृति के विनाश का खेल पोहरी वन परिक्षेत्र सीमा में देखने को मिल रहा है। हजारों बीघा जंगल को रातों-रात काटकर कहीं मैदान तो कहीं पर फसलें लहलहा रही हैं और यह कारनामा चोरी-छुपे नहीं सब पोहरी जंगलों के रक्षकों की निगरानी मे ही हुआ है।
पोहरी वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम छर्च, गल्थुनी, डिगडौली, गल्थुनी, दौरानी, परासरी, उपसिल, भावखेडी, केाल्हापुर, भैसदा, सिकन्दपुरा, सरवानी, झलमादा आदि इलाकों में तो हालात बेकाबू हो रहे हैं वहां दबंग सरपंच व नेताओं ने कई बीघा जंगल क्षेत्र को काटकर समतलीकरण कराकर खेती की जा रही है और वन विभाग का अमला उनकी दबंगई और नेतागीरी के आगे बेवश नजर आता है।

Updated : 28 July 2014 12:00 AM GMT
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