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पीएसएलवी सी-23 रॉकेट का प्रक्षेपण, मोदी बने साक्षी

पीएसएलवी सी-23 रॉकेट का प्रक्षेपण, मोदी बने साक्षी
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चेन्नई | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने आज पीएसएलवी सी-23 राकेट का प्रक्षेपण किया। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रक्षेपण के साक्षी बनने के लिए तमिलनाडु के अपने पहले दौरे पर स्पेस सेंटर पंहुचे।
श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से चार अलग-अलग देशों के पांच उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया।
इसरो ने कहा कि पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-23 ने आज सुबह 9:52 बजे पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। रॉकेट की लागत करीब 100 करोड़ रूपये है जिसका वजन 230 टन है। इसरो की यह उड़ान पूरी तरह से व्यावसायिक है।
इसरो के अधिकारियों ने बताया कि अनुमानित 20 मिनट के बाद इसरो का ‘वर्कहॉर्स’ पीएसएलवी पांचों उपग्रह को एक-एक करके उनकी लक्षित कक्षा में स्थापित करेगा।
गौरतलब है कि चार विदेशी उपग्रह अभियान में शामिल छोड़े जाने वाले अंतरिक्ष उपकरणों में मुख्य फ्रांसीसी भू पर्यवेक्षण उपग्रह स्पॉट-7 का वजन 714 किलो है। इसके अलावा पीएसएलवी जर्मनी के 14 किलो वजनी एआइसैट, कनाडा के एनएलएस पॉइंट वन (कैन-एक्स4) और एनएलएस7 पॉइंट टू (कैन-एक्स5) (दोनों का वजन 15 किलो) तथा सिंगापुर के सात किलो वजनी वेलॉक्स-1 को भी इस अभियान के तहत पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा।
एनएलएस-7 प्वाइंट वन और एनएलएस-7 प्वाइंट टू को कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय के अंतरिक्ष विज्ञान अध्ययन संस्थान और अंतरिक्ष फ्लाइट प्रयोगशाला ने मिल कर बनाया है। वेलॉक्स-1 को सिंगापुर के नांयंग तकनीकी विवि ने तैयार किया है। यह एक इमेज सेंसर की संरचना को प्रदर्शित करनेवाला तकनीकी प्रदर्शक है। यह सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक यांत्रिक प्रणाली पर आधारित (एमइएमएस) है। और एक अंतर-उपग्रही रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करनेवाली निर्धारण और नियंत्रण प्रणाली है।

Updated : 30 Jun 2014 12:00 AM GMT
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