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भारत की मजबूती सार्क देशों के विकास हेतु जरूरी: नरेंद्र मोदी

भारत की मजबूती सार्क देशों के विकास हेतु जरूरी: नरेंद्र मोदी
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थिम्पू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की संसद को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत की मजबूती सार्क देशों के हित के लिए जरूरी है। उन्होने भूटान में पर्यटन की अपार सम्भावनाओं को बताते हुए कहा कि जहां आतंकवाद बांटता है वहीं पर्यटन जोड़ने का काम करता है।
मोदी ने अपने सम्बोधन में सार्क देशों के विकास के लिए भारत के योगदान को विशेष रूप से परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि सार्क देशों की भलाई के लिए बहुत जरूरी है कि भारत मजबूत हो और वहां के नागरिक सुखी रहें, तभी भारत अपने पड़ोसी देशों के सुख-दुख के बारे में चिंतन कर पाएगा। मोदी ने कहा कि यदि भारत स्वयं आंतरिक समस्याओं से जूझता रहेगा तो वह अन्य सदस्यों की कैसे मदद कर पाएगा?
भारतीय प्रधानमंत्री ने भूटानी विरासत, संस्कृति, इतिहास और पर्यावरण की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भूटान की सरकार अपने विरासत और संस्कृति के संरक्षण के लिए हमेशा जागरूक रही है। हिमालयन देश के प्रशासन की कार्यप्रणाली की तारीफ करते हुए मोदी ने वहां के शासन को बधाई दी।
भूटान में लोकतंत्र के संस्थापन पर मोदी ने कहा,‘जब दुनिया में सत्ता के विस्तार का दौर था, भूटान ने लोकतंत्र की मजबूत नींव डालने का प्रयास किया। विश्व की कई जगहों पर सत्ता हथियाने के प्रयास चल रहे थे, तब भूटान ने बहुत ही उत्तम तरीके से लोकशिक्षा के माध्यम से जन-मन को धीरे-धीरे तैयार करते हुए और संवैधानिक व्यवस्था को विकसित करते हुए लोकतांत्रिक परंपरा को स्थापित किया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत और भूटान के संबध साझी सांस्कृतिक विरासत की वजह से हैं। उन्होंने हिमालय को दोनों देशों की साझी विरासत बताया। मोदी ने ग्‍लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ाई में भूटान को अहम साथी बताया। उन्होंने कहा कि भूटान ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है। भूटान की पनबिजली परियोजनाएं भारत के लिए अहम हैं।
भूटान के विकास में भारतीय योगदान को बताते हुए मोदी ने कहा कि हमने भूटान के लिए ई-लाइब्रेरी बनाने का फैसला किया है। भूटान में शिक्षण व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने शिक्षा को तकनीक से जोड़ने पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में और काम की संभावना है।
भारत की सेटेलाइक तकनीक का इस्‍तेमाल भूटान के विकास में किया जा सकता है। हमारी तकनीक दोनों देशों को और करीब ला सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाइड्रो-पावर से भारत और भूटान दोनों को लाभ है। भारत मजबूत होगा तो पड़ोसियों की मदद करेगा। आतंकवाद बांटता है जबकि पर्यटन जोड़ने का काम करता है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी भूटान के दो दिवसिय दौरे पर रविवार को थिंफू पहुंचे। यहां पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। कल शाम ही मोदी ने भूटान नरेश जिगमें खेसर नामग्याल वांगचुंक से भेंट की और दोनों देशों के हितों पर विस्तार से चर्चा की।
मोदी आज अपना दौरा समाप्त कर भारत लौट आएंगे। बतौर प्रधानमंत्री मोदी का पहला विदेश दौरा भूटान का है। इसलिए दुनिया भर में मोदी के इस दौरे को काफी महत्वता के साथ देखा जा रहा है। 

Updated : 16 Jun 2014 12:00 AM GMT
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