गोरमी, निप्र। नगर में पोरसा रोड पर सिंचाई विभाग के रेस्ट हाउस में संचालित तेहसील कार्यालय में तीन वर्ष गुजर जाने पर भी आम नागरिकों को सुविधाओं का आभाव है तहसील में न तो स्टाम्प मिलते है और न ही किसानों को खाता खतौनी की कम्प्यूटर नकल एवं भूमि एवं प्लाटों की रजिस्ट्री का कार्य यहां पर नहीं होता है। कुल मिलाकर गोरमी में शासन ने नाममात्र के लिए तहसील का दर्जा दे दिया है यहां तहसील परिसर के बाहर बैठने वाले वकीलों व टाइपिस्टों के लिए टीनशेड की व्यवस्था नहीं की गई हैं।
पेयजल की भी नही है व्यवस्था
तहसील परिसर में आने जाने वाले छात्रों किसानों एवं यहां कार्यरत कर्मचारियों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। यहां तहसील परिसर में निवासरत एक दर्जन परिवार हैण्डपम्प न होने से पानी को तरस रहे हैं।
रेस्ट हाउस में चल रही है तहसील
गोरमी में रेस्ट हाउस मेें तहसील कार्यालय संचालित है। इससे यहां आने वाले अतिथियों के लिए नगर में कोई भी जगह रुकनेे के लिए नहीं है, क्योंकि तहसील कार्यालय का भवन अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है। कुल मिलाकर गोरमी तहसील इस समय केवल मूलनिवासी एवं आय एवं जाति प्रमाण पत्र बनवाने का कार्यालय बनकर रह गया है। स्थानीय नागरिकों कृष्ण कुमार थापक, मुंशीलाल भटेले, पुत्तूसिंह यादव, पातीराम शर्मा, राममोहन, रामजीलाल थापक आदि का कहना है कि जब हमें प्रत्येक कार्य के लिए मेहगांव जाना पड़ता है तो गोरमी में तहसील कार्यालय बनवाने का क्या फायदा है।
इनका कहना है
इस संबंध में नायब तहसीलदार गोरमी मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि नवीन तहसील भवन का निर्माण हो रहा है। भवन का निर्माण होते ही तहसील से संबंधित सारी सुविधाएं यहां उपलब्ध हो जाएंगी।
तहसील में नहीं मिल रही हैं नागरिकों को सुविधाएं
Updated : 2014-05-23T05:30:00+05:30
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