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भारत ने कहा, खोबरागड़े प्रकरण बंद अध्याय नहीं

नई दिल्ली | अमेरिकी दृष्टिकोण को नजरअंदाज करते हुए भारत ने देवयानी खोबरागड़े प्रकरण को बंद अध्याय मानने से इंकार कर दिया है और कहा है कि कुछ मुद्दे शेष रह गए हैं, जिनका हल जरूरी है।
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने कहा कि भारत ने इस विषय पर अपनी आकांक्षाएं अमेरिका के सामने स्पष्ट कर दी हैं और आशा करता है कि उसका समाधान किया जाएगा। उनसे जब पूछा गया कि क्या देवयानी प्रकरण एक बंद अध्याय है, जैसा कि अमेरिका मान रहा है, उन्होंने कहा कि अब भी कुछ मुद्दे शेष रह गए हैं।
हालांकि उन्होंने यह बताने से इंकार कर दिया कि भारत को संतुष्ट करने के लिए अमेरिका द्वार क्या क्या कदम उठाए जाएं। सुजाता ने कहा कि अमेरिकी को इस मुद्दे पर भारत की आकांक्षाओं से अवगत करा दिया गया है और उन्होंने वीजा धोखाधड़ी के आरोप में देवयानी के विरुद्ध दूसरा अभ्यारोपण दायर करने पर नाखुशी जतायी।
उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि यह (दूसरा अभ्यारोपण) नहीं होता। वर्ष 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी को पिछले साल 12 दिसंबर को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया था । उस पर दोनों देशों के बीच विवाद पैदा हो गया था। बदले की कार्रवाई करते हुए भारत ने अमेरिकी राजनयिकों को मिले विशेषाधिकार घटा दिए थे।
देवयानी को 2,50,000 डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया और उन्हें बाद में पूर्ण राजनयिक छूट दी गयी थी। फिर वह 10 जनवरी को भारत लौटी थीं। तब से उनका नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में तबादला कर दिया गया।
अमेरिकी अदालत ने देवयानी के खिलाफ पहला अभ्यारोपण खारिज कर दिया था, लेकिन पिछले ही महीने अभियोजकों ने वीजा धोखाधड़ी पर उनपर फिर अभ्यारोपण किया और उन पर घरेलू नौकर को कम तनख्वाह देने एवं उसका शोषण करने का आरोप लगाया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने आधिकारिक तौर पर कहा है, यह निश्चित ही अमेरिका भारत संबंधों में चुनौतीपूर्ण समय है। हम आशा करते हैं कि अब यह बंद अध्याय बन जाएगा तथा भारतीय हमारे संबंधों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठायेंगे और उसे ज्यादा रचनात्मक बनायेंगे।
जब विदेश सचिव से पूछा गया कि क्या इस घटना ने दोनों देशों के बीच के संबंधों पर असर डाला है तो उन्होंने कहा कि हां, एक हद तक। लेकिन संबंधों की एक ताकत यह है कि खोबरागड़े प्रकरण होने के बाद भी आप साथ बैठते हैं और बातचीत करते हैं।

Updated : 6 April 2014 12:00 AM GMT
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