नई दिल्ली | विधेयकों को लेकर अध्यादेश का रास्ता अपनाने से केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रविवार को इनकार कर दिया। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हालांकि जाट समुदाय को आरक्षण और तेलंगाना विधेयक में संशोधनों को मंजूरी दे दी। आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद सीमांध्र क्षेत्र को 5 साल के लिए विशेष दर्जा मिलेगा।
जाट समुदाय को आरक्षण के कैबिनेट के फैसले से उन्हें केन्द्र सरकार की नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि संसद के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र में सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश की थी लेकिन हंगामे के चलते ऐसा नहीं हो सका।
उसके बाद अटकलें थीं कि सरकार इन्हें लेकर अध्यादेश लाएगी। सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि कैबिनेट ने भ्रष्टाचार रोधी विधेयकों पर अध्यादेश लाने की बजाय उन पर पूर्ण चर्चा का समर्थन किया है।
कैबिनेट बैठक से पहले संप्रग के मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं के बीच व्यापक सलाह मशविरा हुआ। केन्द्रीय मंत्री ए के एंटनी, सुशील कुमार शिन्दे तथा अहमद पटेल बैठक से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके आवास पर मिले। कल शिन्दे और कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी।
भ्रष्टाचार रोधी विधेयकों पर अध्यादेश से कैबिनेट का इनकार
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Updated : 2014-03-03T05:30:00+05:30
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