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रेल किरायों में कोई बदलाव नहीं, छठे वेतन आयोग से अतिरिक्त भार

रेल किरायों में कोई बदलाव नहीं, छठे वेतन आयोग से अतिरिक्त भार
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नई दिल्ली | रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज अपना पहला रेल बजट 2014 पेश किया। इस दौरान रेल मंत्री ने कहा कि विकास के लिए रेलवे का विकास जरूरी और इसके लिए रोडमैप बनाना होगा। रेलवे में निवेश की जरूरतों का ध्यान रखना होगा। संस्थानों की कमी के बावजूद रेलवे बेहतर सुविधाएं दे रहा है। जम्मू-कश्मीर में रेलवे सेवा और सुरंग एक बड़ी उपलब्धि है।
रेलमंत्री ने इस बजट के दौरान काफी उपलब्धियां गिनायी लेकिन यात्रियों के हाथ खाली ही रह गये। रेलमंत्री ने अपने बजट में रेल किरायों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके अलावा छठे वेतन आयोग से 1 लाख करोड़ का अतिरिक्त भार भी दे दिया है।
रेल बजट की खास बातें-
जल्दी ही वैष्णो देवी के लिए रेल सेवा
अरुणाचल की राजधानी ईटानगर को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा
इस वर्ष कई बड़ी लाइनों का विस्तार होगा
2702 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का विस्तार होगा
मेघालय की राजधानी तक होगा रेल लाइन का विस्तार
उत्तर पूर्वे में ब्रॉडगेज लाइन का विस्तार होगा
तीव्रगति वाली ट्रेनों की संख्या में वृद्धि होगी
कई ट्रेनों के फेरे बढ़ाए गए
68 नई ट्रेनें शुरू की जाएंगी
पैंटी कार में गैस की जगह इंडक्शन के जरिए बनेगा खाना
72 नई ट्रेनें चलेंगी, जिनमें 17 प्रीमियम, 38 एक्सप्रेस, 10 पैसेंजर, 4एमईएमयू और 3 डीईएमयू ट्रेनें चलेंगी।
तीन ट्रेनों को बढ़ाया जाएगा और एक ही नंबर की ट्रेनों की फ्रीक्वन्सी बढ़ेगी।
दिल्ली-मुंबई के बीच स्पेशल एसी प्रीमियम ट्रेन। इसका किराया डायनेमिक होगा।
डिमांड के हिसाब से 17 रूटों पर तय होंगे दाम। इनमें हवाई जहाज की तर्ज पर होगा किराये का निर्धारण
19 नई रेल लाइनों और पांच मौजूदा लाइनों के दोहरीकरण सर्वेक्षण होगा
उपलब्धियां / पहलकदमियां
* कश्मीर की राष्ट्रीय परियोजना में हासिल की गई बड़ी उपलब्धि
* इस वित्त वर्ष में मेघालय राज्य और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी रेलवे मानचित्र में शामिल करना
* असम में सामरिक महत्व की 510 किमी लंबी रंगिया-मुरकोंगसेलेक लाइन का आसान परिवर्तन इस वित्त वर्ष में पूरा करना
* नई लाइन (2,207 कि.मी.), दोहरीकरण (2,758 कि.मी.) और विद्युतीकरण (4,556 कि.मी.), डीजल (64,875) के लिए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में रखे गए लक्ष्यों को पार कर लिया है।
* पूर्व और पश्चिम मार्गो पर डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर - सामरिक दृष्टि से हत्वपूर्ण लाइनों की क्षमता बढ़ाना।
* छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने के कारण एक लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त भार को रेलवे ने अपने संसाधनों से पूरा किया।
* 2013-14 के दौरान, नई लाइनों, आसान परिवर्तन और दोहरीकरण के 1,532 कि.मी. पर यातायात चालू किया गया।
* नए कारखानों - रेल पहिया कारखाना, छपरा, रेल कोच फैक्टरी, राय बरेली और डीजल कलपुर्जा कारखाना, दानकुनी में उत्पादन शुरू करना।
* कश्मीर के प्रतिकूल मौसम के दौरान यात्रा के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए सवारी डिब्बे।
* अधिक भार उठाने वाले जंगरोधी हल्के 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले मालडिब्बों का सफलतापूर्वक निर्माण करना।
* राष्ट्रीय खेलकूद आयोजनों में रेलवे खिलाडियों ने 23 स्पर्धाओं में खिताब जीते और 9 स्पर्धाओं में उप-विजेता रहे। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिपों में 2 स्वर्ण, 4 रजत और 3 कास्य पदक जीते।
* 1992 में शुरू की गई एक आसान नीति के अंतर्गत 19,214 कि.मी. लाइनों को बड़ी लाइन में आसान परिवर्तन किया जिससे गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक उत्तर प्रदेश, असम और तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों को लाभ हुआ।
संरक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए उपाय * मानव रहित कोई समपार मौजूद नहीं। कुल 5,400 मानव रहित समपार समाप्त किए गए - ऊपरी या निचले सड़क पुलों का निर्माण करके 2,310 समपारों पर चौकीदार तैनात किए गए और 3,090 समपारों को बंद/ विलय किया गया।
* गाड़ी के आगमन के बारे में सड़क उपयोगकर्ताओं को अग्रिम में बेहतर श्रव्य दृष्य चेतावनी।
* देश में विकसित गाड़ी टक्कर रोधी प्रणाली की शुरुआत।
* 'क्रैशवर्दी' सवारी डिब्बों का विकास
* गत पांच वर्ष में, ग्रुप सी कोटियों में एक लाख से अधिक और पूर्ववर्ती ग्रुप डी कोटियों में 1.6 लाख व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करना।
* सभी रेलइंजनों में सतर्कता नियंत्रण उपकरण की व्यवस्था।
* गाड़ियों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न उपाय।
* अग्नि रोधी सामग्रियों का उपयोग।
* इलेक्ट्रिक सर्किट के लिए मल्टी - टियर सुरक्षा।
* सभी डिब्बों में पोर्टेबली अग्निशामक।
* पेन्ट्री कारों में एलपीजी के स्थान पर इन्डक्शन आधारित कुकिंग।
* अति ज्वलनशील तथा विस्फोटक सामग्रियों की गहन रूप से जांच।
वित्तीय स्थिति
* विभिन्न परियोजनाओं के लिए कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश तथा हरियाणा राज्यों के साथ लागत में भागीदारी की व्यवस्था द्वारा रेलवे अवसंरचना पर सहमति।
* कई सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाएं विचाराधीन।
* विश्वस्तरीय रेल अवसंरचना के निर्माण का वित्तपोषण करने के लिए एफडीआई का सहारा लिया जा रहा है।
* रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा अभी तक 937 करोड़ रुपये जुटाए गए।
आधुनिकीकरण एवं प्रौद्योगिकी की शुरुआत
* उच्च गति वाली गाड़ियां।
* मुंबई-अहमदाबाद कोरीडोर के लिए भारत तथा जापान द्वारा संयुक्त रूप से व्यवहार्यता अध्ययन जिसका वित्तपोषण जापान इंटरनेशनल कॉपरेंरेशन एजेंसी के सहयोग से किया जाना है।
* मुंबई-अहमदाबाद कोरीडोर के लिए एसएनसीएफ द्वारा बिजनेस डवलेपमेंट स्टडी।
* सेमी हाई स्पीड परियोजनाएं
* चुनिंदा मार्गो पर 160-200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के लिए कम लागत वाले विकल्प की खोज।
हरित पहलकदमियां
* रेलवे ऊर्जा प्रबंधन कंपनी ने कार्य करना शुरू कर दिया है। पनचक्की तथा सौर उर्जा संयंत्रों की स्थापना की जानी है जिनके लिए नवीन एवं नवीकरण उर्जा मंत्रालय द्वारा 40 प्रतिशत की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
* 200 स्टेशन, 26 इमारतों की छतों तथा 2000 समपार फाटक शामिल किए जाने हैं।
* सरकार द्वारा दिए गए 112 पुरस्कारों में से रेलवे ने 22 पुरस्कार जीते।
* प्रमुख स्टेशनों के नजदीक रेलपथों के साथ-साथ ग्रीन कर्टेन; आगरा और जयपुर में पायलट कार्य।
* 2500 सवारी डिब्बों में बायो-टॉयलेट की व्यवस्था, जिसे उत्तरोतर बढ़ाया जाएगा।
यात्री अनुकूलन पहलकदमियां
* टिकटों की ई-बुकिंग के प्रति जनता की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया
* गाड़ियों की सही स्थिति तथा उनके चालन का पता लगाने के लिए ऑन-लाइन ट्रैंकिंग।
* जनता भोजन के लिए 51 जन-आहार आऊटलेट ; स्टेशनों पर यात्रियों के लिए 48 एस्केलेटर शुरू कर दिए गए हैं तथा 61 और एस्केलेटर की स्थापना की जा रही है; जुलाई 2014 से मुंबई में वातानुकूलित ईएमयू सेवाओं की शुरूआत; महत्वपूर्ण गाड़ियों में आने वाले स्टेशन तथा पहुंचने का समय दर्शाने के लिए सूचना प्रदर्शन प्रणाली।
* एसी चेयर कार तथा एक्जीक्यूटिव चेयर कार के यात्रियों के लिए 'अपग्रेडेशन' योजना का विस्तार किया गया।
परिवर्तनशील कीमत निर्धारण के जरिए मांग प्रबंधन
* दिल्ली - मुंबई खंड पर अपेक्षाकृत कम अग्रिम आरक्षण अवधि और तत्काल के किराए की तुलना में तीव्रता से बढ़ने वाले प्रीमियम वाली प्रीमियम एसी स्पेशल गाड़ी की शुरूआत।

बाजार भागीदारी में वृद्धि

* वहन क्षमता + 8 टन मार्गो में मिसिंग लिंक को क्लियर करना, मालगाड़ी की गति बढ़ाना; चल स्टॉक का अपग्रेडेशन; गाड़ियों की लंबाई बढ़ाना, रेलवे की ओर यातायात आकर्षित करने और गाड़ियों का खाली चालन न्यूनतम करने के लिए दर-सूची और प्रोत्साहन योजनाएं।

रेल दर प्राधिकरण

* सभी सटैक होल्डरों को शामिल करने के लिए किरायों और मालभाड़े के निर्धारण के संबंध में सलाह देने के लिए स्वतंत्र रेल दर प्राधिकरण की स्थापना।

सूचना प्रौद्योगिकी

* पहल के रूप में शामिल हैं - नकद स्वीकार करने वाली स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनों की संख्या में वृद्धि; अनारक्षित खंडों में मोबाइल फोन पर टिकट बुकिंग, पीएनआर स्थिति को सिस्टम में अद्यतन करना, महत्वपूर्ण स्टेशनों पर विश्राम कक्षों की ऑनलाइन बुकिंग, चुनिंदा मार्गवर्ती स्टेशनों के लिए भोजन की ऑन लाइन बुकिंग, माल यातायात ग्राहकों के लिए ई-फॉरवर्डिग नोट और रेलवे रसीदोंका इलेक्ट्रॉनिक माध्यक से प्रेषण।

राजस्व माल यातायात

* 2013-14 के लिए 1047 मिलियन टन का लदान लक्ष्य से अधिक रहेगा।

* एम्पटी फ्लो डिस्काउंट स्कीम लागू की जानी है।

* वहन क्षमता + 9 टन + 1 टन मार्गो की योजना।

* आयातित पण्यों की कंटेनरों के माध्यम से ढुलाई पर कुछ प्रतिबंधों को हटाना।

* 20 फुट कंटेनरों की वहन क्षमता में 4 टन की वृद्धि।

* पार्सल टर्मिनल और निर्धारित समय-क्रय वाली स्पेशल पार्सल गाड़ियां।

* दूध की ढुलाई बढ़ाने के लिए पार्सल संबंधी नई नीति।

* पार्सल बिज़नेस के लिए 'हब एंड स्पोक' की नई अवधारणा।

* स्पेशल पार्सल टर्मिनलों में तीसरी पार्टी के गोदाम पर विचार।

वित्तीय निष्पादन 2012-13

* लदान में संशोधित अनुमान के 1,007 मिलियन टन के लक्ष्य से अधिक 1,008 मिलियन टन का लदान।

* सामान्य राजकोष को 5,389 करोड़ रूपये के पूर्ण लाभांश का भुगतान।

* 2012-13 में 90.2 प्रतिशत परिचालन अनुपात।

* सरकार के ऋण का 3,000 करोड़ रुपये के ब्याज सहित पूर्ण रूप से लौटाना।

* 2,391 करोड़ रुपये के रेल वित्त शेष।

वित्तीय निष्पादन 2013-14

* लदान लक्ष्य बजट अनुमान के 1,047 मिलियन टन से बढ़ाकर 1,052 मिलियन टन किए गए।

* फ्रेट आमदनियों लक्ष्य बजट अनुमान के 93,554 करोड़ रुपये से संशोधित करके 94,000 करोड़ रूपए किए गए हैं।

* कड़ी वित्तीय नियंत्रण प्रक्रियाएं अपनाई गई और विभिन्न बजट उपरांत कारकों के बावजूद बजट अनुमानों से बढ़ाकर साधारण संचलन व्यय केवल 560 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

* योजना परिव्यय 59,359 करोड़ रुपये तक संशोधित किया गया है।

* परिचालन अनुमान 90.8 प्रतिशन होने की संभावना है।

* निधि शेष में वृद्धि जारी है और बढ़कर 8,018 करोड़ रुपये हो गया है।



Updated : 12 Feb 2014 12:00 AM GMT
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