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न शासन का जवाब आया न भर्ती हुई

मामला नगर निगम में अधिकारियों की नियुक्ति का

ग्वालियर। कर्मचारियों व अधिकारियों की कमी से जूझ रहे ग्वालियर नगर निगम की समस्या दूर होती नहीं दिख रही है। राज्य शासन से मिल रहे असहयोग के चलते नगर निगम आयुक्त सात माह बीतने के बाद भी न्यायालय के आदेश का पालन नहीं कर पा रहे जबकि न्यायालय ने चार माह में रिक्त पदों को भरने का आदेश दिया था।
मनीष गुप्ता ने जनहित याचिका दायर करते हुए नगर निगम में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया था। इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान निगम की ओर से दिए गए जवाब में भी यह स्वीकार किया गया था कि योग्य अधिकारियों की कमी के चलते अन्य विभागों से आए अधिकारियों को प्रभारी बनाकर काम चलाया जा रहा है। याचिका को निराकृत करते हुए न्यायालय ने याची द्वारा बताए गए रिक्त पदों को चार माह में भरने का आदेश दिया था लेकिन सात माह से ज्यादा का समय निकलने के बाद भी एक कर्मचारी की नियुक्ति नहीं हो पाई।

सेटअप से भर्ती करना है: निगमायुक्त

उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद प्रदेश सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया था। जिसमें व्यापमं के जरिए भी भर्ती का प्रावधान रखा था लेकिन प्रशासन ने उसे ठुकरा दिया और हमें सेटअप से भर्ती का निर्देश दिया। इसमें सीधी भर्ती और पदोन्नित के जरिए रिक्त पदों को भरने के लिए कहा गया था। लेकिन इन दोनों में कितने पद किस प्रकार भरे जाए इसे लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। इसके लिए हमनें राज्य शासन से दो बार मार्गदर्शन मांगा है लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल पाया है।

इन पदों पर होना है भर्ती

पदनाम रिक्त पदों की संख्या
मुख्य अभियंता 1
अधीक्षण यंत्री 1
कार्यपालन यंत्री(सिविल) 2
सहायक यंत्री (सिविल) 2
सहायक यंत्री (विद्युत) 3
उपयंत्री (सिविल) 8
उपयंत्री (विद्युत) 1

Updated : 28 Dec 2014 12:00 AM GMT
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