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यूरिया खत्म, किसानों ने किया चक्काजाम

अधिकारी किसानों को समझाने में रहे नाकाम, कृषि उपज मण्डी स्थित एक वितरण केन्द्र से बांटी पर्चियां

मुरैना । शनिवार को खाद वितरण होने के बाद रविवार को जिले भर में शांति का माहौल रहा लेकिन आज सोमवार की सुबह खाद वितरण केन्द्रों पर हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हो गए, जब वितरण केन्द्रों से उन्हें यह बताया गया कि खाद का स्टॉक निल हो चुका है तो किसानों के सब्र का बांध टूट गया और वह उत्तेजित होकर नारेबाजी करते हुए जीवाजी गंज की पुलिया पर पहुंचे और वहां मुख्य मार्ग एमएस रोड पर चक्काजाम कर दिया। पुलिस व प्रशासन का अमला किसानों को यह समझाने का प्रयास करता रहा कि खाद की रैक आने वाली है, आते ही सभी किसानों को खाद मिलेगा, मगर किसानों ने एक नही सुनी और आक्रोशित हो गए।
जिले में खाद संकट को खत्म करने के लिए शुक्रवार को एनएफएल यूरिया की रैक मुरैना पहुंची थी। रैक में कुल 2148 मीट्रिक टन यूरिया जिले में वितरण के लिए आया था। सोमवार को खाद लेने बड़ी संख्या में किसान मुरैना पहुंचे, जीवाजीगंज स्थित इफको के वितरण केन्द्र पर भीषण सर्दी में सुबह से लाइन में लगे किसानों को खाद खत्म होने की जानकारी मिली तो किसान आक्रोशित हो उठे और एमएस रोड पर कोतवाली के सामने चक्काजाम करने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद डीएसपी हैडक्वार्टर अंजुलता पटले की समझाइश के बाद कुछ देर में चक्काजाम खुल गया। खाद के लिए किसानों का हंगामा जीवाजीगंज में तकरीबन दिनभर चलता रहा।
खाद मांगने पर मिली पुलिस की लाठियां
सोमवार को एकमात्र प्राइवेट फर्म नर्मदा फर्टिलाइजर द्वारा कृषि उपज मण्डी प्रांगण से खाद की पर्चियां बांटी जा रही थी। जहां एक हजार से अधिक किसान मौजूद थे। पर्ची वितरण के दौरान किसानों ने वितरण केन्द्र के गेट को तोड़कर अंदर जाने का प्रयास किया। तब मौके पर मौजूद पुलिस ने लाठियां भांजकर किसानों पर काबू पाया। मौके पर एसडीएम एके कम्ठान भी पहुंच गए थे।
यूरिया नहीं दे सके तो दी एनपीके घोल छिड़कने की सलाह
कृषि विभाग इस बार किसान की मांग के अनुसार यूरिया खाद की आपूर्ति करने में पूरी तरह से विफल साबित हुआ है। जब किसानों को यूरिया खाद की आपूर्ति कृषि विभाग नहीं कर सका तो अब उन्हें एनपीके घोल छिड़कने की सलाह दी जा रही है। कृषि विभाग के उप संचालक आरपी गोयल ने किसानों से दो प्रतिशत यूरिया घोल का छिड़काव करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि किसान यूरिया के विकल्प के रूप में एनपीके 19:19:19 ग्रेड उवर्रक का दो प्रतिशत घोल तैयार कर गेंहू व अन्य फसलों में उपयोग कर सकते है। जिसकी एक बीघा के लिए 90 से 100 लीटर घोल की आवश्यकता होगी। श्री गोयल ने बताया कि वर्तमान में सबलगढ़ को छोड़कर जिले में सभी स्थानों पर यूरिया का स्टॉक निरंक है। रैक आने पर ही किसानों को यूरिया उपलब्ध कराया जा सकेगा।

इनका कहना है
'शुक्रवार को आई रैक में 2148 मीट्रिक टन यूरिया जिले के लिए आया था, सोमवार को खाद का स्टॉक खत्म हो गया है, अब रैक आने पर ही वितरण होगा।'
आरपी गोयल, उपसंचालक कृषि

Updated : 23 Dec 2014 12:00 AM GMT
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