Home > Archived > 'अब सिर्फ जहाजों में सफर करती है पगली'

'अब सिर्फ जहाजों में सफर करती है पगली'



ग्वालियर,विशेष संवाददाता। व्यक्त काव्य से कवियों ने अभिव्यक्ति में रातभर श्रोताओं को न सिर्फ हंसाया बल्कि खूब गुदगुदाया भी। साहित्य अकादमी सम्मान से अलंकृत मुनव्वर राणा की मां को लेकर प्रस्तुति पक्तिंयों ने सबसे अधिक तालियां बटोरीं। मंच का संचालन कर रहे डॉ.कुमार विश्वास के राजनीति और व्यवस्था को लेकर छोड़े गए व्यंग्यों को खूब सराहा गया। कवि सम्मेलन में वरिष्ठ आईपीएस पवन जैन ने पुलिस के ऊपर मार्मिक ढंग से काव्यपाठ किया और श्रोताओं को सोचने पर विवश कर दिया।
छह लाख परिचारिकाओं को लेकर उनकी यह पक्तियां अब सिर्फ जहाजों में सफर करती है पगली,बचपन में कहती थी मुझे पर भी लगा दो। भी खूब सराही गई। मुनव्वर ने अपने कलाम से खचाखच भरे रंगमहल गार्डन में यह साबित कर दिया कि उन्हें क्यों साहित्य अकादमी सम्मान से अलंकृत किया गया है। भ्रूण हत्या पर उनकी यह पक्तियां भी काफी सराही गईं, फिर किसी ने लक्ष्मीदेवी को ठोकर मार दी,आज फिर कूड़ेदान में बेटी मिल गई। उड़ गईं चिडिय़ां घरों से,ऐसा लगा घर अकेला हो गया। इंस्पेक्टर मदन मोहन समर ने यह कहकर, जब भारत की रक्षा करने, खाकीवर्दी लाल हो गई, अपनी लाशें बिछाईं नीचे ऊपर हिन्दुस्तान रखा। पुलिस महकमे का सम्मान बढ़ाने वाली इन पक्तियों ने खूब दाद बटोरी। धौलपुर से आए रामबाबू सिकरवार की पेरोडी ने लोगों को गुदगुदाने का काम किया। आश्रमों में चलने वाले कृत्यों पर उनकी यह पंक्तियां दगाबाज रे,हमारे बाबा बड़े दगाबाज रे,छिपे इनके आश्रम में कई बड़े राज रे। कवि सम्मेलन में प्रमोद तिवारी, अजातशत्रु, संपत सरल ने भी समां बांधा। शबनम अली ने भी अपनी रचनाओं से खूब गुदगुदाया।
भूपेन्द्र जैन का था आयोजन : चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव भूपेन्द्र जैन ने अपने तीन साल के कार्यकाल के पूरा होने की खुशी में अभिव्यक्ति के नाम से इस आयोजन को रखा था। आयोजन में व्यापारी,सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि ,साहित्यकार व पत्रकार भी मौजूद थे।

Updated : 21 Dec 2014 12:00 AM GMT
Next Story
Top