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रासायनिक कारखानों की बनेगी सूची, होगी जांच

भोपाल। राजधानी में चल रहीं रसायन एवं उर्वरक कंपनियों की फिर से सूची बनाई जा रही है। उद्योग विभाग ने इस तरह का एक प्रस्ताव तैयार कराया है। हालांकि विभाग के पास एक सूची पहले से मौजूद है। लेकिन वर्तमान में कई कंपनियां बंद हो गई हैं। इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं है। इस वजह से ये दूसरी सूची बनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि अकेले गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में पंद्रह से अधिक केमिकल फैक्ट्रियां चल रही हैं। इन फैक्ट्रियों में खतरनाक स्तर का रसायन बनाया जाता है। उधर प्रदूषण नियंत्रण विभाग भी सक्रिय हो गया है। वह उन कंपनियों की जांच कर रहा है, जिन्होंने प्रदूषण की जांच करने के लिए ऑन लाइन इक्यूपमेंट नहीं लगाए हैं। इस बारे में एमपीपीसीबी पूर्व में तीन बार से अधिक नोटिस जारी कर चुका है।


पुरानी मशीनें होने पर लगेगा जुर्माना
उद्योग विभाग, प्रदूषण नियंत्रण विभाग और निजी मशीन निर्माता एक साथ मिलकर रसायन बनाने वाली कंपनियां में लगी हुई मशीनों की जांच करेंगे। संभवत: पूरानी मशीन और बिना मेटीनेंस के चलाने पर इन फैक्ट्रियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि इन फैक्ट्रियों ने पुराने पुर्जों के आधार पर उद्योग विभाग से सब्सिडी प्राप्त की है। विभाग द्वारा इस तरह की चैकिंग की जाती है तो इसमें इस तथ्य का खुलासा भी हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि इस तरह की कवायद केवल दुर्घटनाओं से बचाव के लिए की जा रही है।

विधानसभा में भी पूछा था प्रश्न
गौरतलब है कि विधायक विश्वास सारंग ने गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में चल रही केमिकल फैक्ट्रियों के संबंध में विधानसभा में प्रश्न पूछा था। जिसमें सारंग ने कहा था कि रसायन बनाने वाली कंपनियों की वजह से गोविंदपुरा क्षेत्र की आबोहवा प्रदूषित हो रही है। वहीं प्रदूषण विभाग ने प्रश्न के जवाब में कहा था कि इन फैक्ट्रियों की जांच कर ली गई है। फैक्ट्रियों की वजह से क्षेत्र की आबोहवा में कोई परिवर्तन नहीं आया है। जबकि दिन और रात के समय गोविंदपुरा में चल रही फैक्ट्रियां जहर उगल रही हैं।

Updated : 17 Nov 2014 12:00 AM GMT
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