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देश को आगे बढ़ाना है तो राज्यों का बढऩा जरूरी : प्रधानमंत्री

देश को आगे बढ़ाना है तो राज्यों का बढऩा जरूरी : प्रधानमंत्री
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इंदौर। देश की ताकत राज्यों में निहित है भारत को आगे बढ़ाना है तो राज्यों का आगे बढऩा जरूरी है, इसलिए केंद्र सरकार का दायित्व बनता है कि सभी राज्यों को प्रोत्साहित करें, देश और राज्य मिलकर काम करें तो भारत कुछ ही समय में दुनिया में विकास के उच्च शिखर पर पहुंच जाएगा। विश्व विकास का भाषा समझता है इसलिए यदि नीति स्पष्ट हो, दिशा निर्धारित हो तो बीमारू राज्य भी भी प्रगतिशील बन सकता है। भारत के सामने प्रमुख रोजगार उपलब्ध करना है। अधिकतम रोजगार उपलब्ध हो इस दिशा में हम आगे बढ़ें। हम छोटे छोट उद्योगों का नेटवर्क बनाएं और बढ़े उद्योगों को मिलकर खड़ा करें तभी देश को ताकतवर दिशा में हम आगे बढ़ सकते हैं। हम एग्रीकल्चर डिफेंस जैसे क्षेत्रों में अधिकतम निवेश के अवसर पैदा करने के प्रयास करेंगे तो देश से बहुत कुछ बेरोजगारी मिटाई जा सकती है। हमें आज हर क्षेत्र में वैल्यू एडीशन के साथ कार्य करने की जरूरत है। मध्यप्रदेश को भी अपने यहां ग्लोबल टेलेंटफुल बनाएं। मैं उद्योगजगत के मित्रों को विश्वास जताना चाहता हूं भारत के किसी भी राज्य में भूमि लें और विकास में सहभागिता निभाएं और कभी कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल इन्वेस्टर के दूसरे दिन वेद मंत्रों के साथ प्रारंभ किए उद्धघाटन समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि मप्र राज्य में विकास में विकास में अपार संभानाएं हैं। हमें केंद्र और राज्यों को मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करने की जरूरत है। राज्यों की परेशानियों को मैं अच्छी तरह समझता हूं इसलिए मेरा मानना है कि केंद्र और राज्य दोनों को छत्तीस नहीं बल्कि एक दूसरे का पूरक होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब केवल राज्य और केंद्र के पास-पास खड़े होने सक काम नहीं चलेगा। अब साथ-साथ होने की जरूरत है। क्योंकि साथ-साथ के मायने दो नहीं ग्यारह होते हैं। मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी की टीम ने यह दुनिया के सामने यह उदाहरण पेश किया है कि कैसे एक बीमारू राज्य को विकसित राज्य बनाने की ओर अग्रसर किया जा सकता है।
विकास के लिए भारत सरकार को भी मप्र का ढोल पीटना चाहिए। ताकि और लोग भी इस राज्य से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि ये शिवराज के नेतृत्व का कमाल है जो यहां ग्रोथ रेट दो बढक़र नौ प्रतिशत तक जा पहुंची। राज्य बिजली सरप्लस बन गया, चारों ओर सडक़ों का जाल बिछ गया ऐसे विकास के अलग-अलग पायदान छूने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, अधिकारी एवं जनता अभिनंदन की अधिकारी है।
उन्होंने कहा कि भारत के सामने आज प्रमुख लक्ष्य अधिकतम रोजगार उपलब्ध करना है। इसलिए हमारी विकास के पहले प्राथमिकता है कि हम कैसे सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। जब हम मैक इन इडिया कहते हैं कि इसका अर्थ यहीं है कि यहां अपार संभावनाएं मौजूद हैं। हमें युवाओं युवाओं की शक्ति का भरसक उपयोग करना होगा।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के देशों में प्रवास के दौरान मैंने उनसे यहीं कहा है कि भारत में निवेश करो। उसे केवल कंज्यूमर देश न मानो भारत की खरीद शक्ति नहीं बढ़ेगी तो आपका उत्पादन नहीं बिकेगा। इसलिए भारत में ज्यादा से ज्यादा निवेश करो। उन्होंने इन्वेस्टर समिट में देशभर से आए उद्योगपतियों का आह्वान करते हुए कहा कि मप्र में अधिक से अधिक निवेश करें। इस राज्य के पास बहुत जमीन है तथा जनसंख्या की दृष्टि से भी दुनिया के कई देशों से बड़ा है। यहां की जमीन उर्वरा जमीन है ऐसे में एग्रीकल्चर में वेल्यूएडिशन के लिए यह सोचकर योजनाएं बनाई जाना चाहिए। उन्होंने ऑरगेनिक एग्रो प्रोडेक्ट उत्पादन 40 प्रतिशत उत्पादन करने लिए इस राज्य का आभार माना और कहा कि यहां के किसान पूरी मानव जाति के विकास और सेवा के महत्वपूर्ण योगदान में लगे हुए हैं।
मोदी का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में जैसे ममुद्री मार्ग का महत्व है वैसे भी पूरे हिन्दुस्तान में चारों दिशाओं में जाने के लिए मप्र अपना महत्व रखता है इसलिए यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश करना चाहिए। जो सभी राज्यों को भी फायदेमंद साबित हो। उन्होंने कहा कि मप्र की इस बात की तारीफ की कि वह केंद्र की प्लानिंग को तुरंत व्यवहार में लाता है। उन्होंने कहा कि डिफेंस मेन्यूफेक्चरिंग कल पुर्जे निर्माण में लिए जबलपुर, ग्वालियर प्राकृतिक केेंद्र हैं। केंद्र ने जब डिफेंस के क्षेत्र में मेन्यूफेंक्चरिंग की बात की तो सबसे पहले मप्र इस क्षेत्र में आगे बढ़ गया और उसके अनुरूप निर्णय लिया। वे कहते हैं कि भारत को सेन सामग्री निर्माण के क्षेत्र में मप्र ने जो कदम उठाया है वह सराहनीय है। वहीं उन्होंने इस राज्य की तारीफ करते हुए कहा कि केंद्र ने जैसे ही डिजीटल इंडिया की बात कहीं तो मप्र की धरती पर दो स्थानों पर पहल करते हुए तुरंभ शिलान्यास कर दिया गया । जन-धन योजना में 36 लाख खाता खोलने का का सबसे पहले मप्र करता है। भारत सरकार के विजन को राज्य सरकार कैसे आगे बढ़ाती है इसका सटीक उदाहरण यह राज्य है। 

Updated : 9 Oct 2014 12:00 AM GMT
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