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मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की धीमी गति, छह माह में बने सिर्फ 950 मकान

अनुबंधित बैंक नहीं दिखा रहीं रुचि

ग्वालियर। लक्ष्य तो था एक साल में कम से कम 3360 जरूरतमंद परिवारों को स्वयं का पक्का मकान उपलब्ध कराने का, लेकिन गुजरे छह माह में सिर्फ 950 मकान ही बन सके, जबकि अब तक बन जाना चाहिए थे करीब 1655 मकान। हम यहां बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की। ग्वालियर जिले में यह योजना गति नहीं पकड़ पा रही है। कारण! इस योजना में ऋण उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन के साथ अनुबंध करने वाली अधिकतर बैंकें सहयोग नहीं कर रही हैं। इसके चलते वर्तमान में करीब 2900 आवास प्रकरण लम्बित पड़े हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के गरीब से गरीब व्यक्ति के पास अपना घर हो। इस उद्देश्य से राज्य शासन ने 22 फरवरी 2011 को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना शुरू की थी। प्रारंभ के तीन वर्षों (2011 से 2013 तक) इस योजना की गति कुछ ठीक रही। इन तीन सालों में विभिन्न बैंकों से मिले ऋण व अनुदान से जिले में करीब 6000 परिवारों का अपने घर का सपना सकार हो गया। इससे उत्साहित जिला पंचायत ने वर्ष 2014-15 में 3360 जरूरतमंद परिवारों को आवास निर्माण के लिए ऋण व अनुदान उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गुजरे छह माह में ही जिला पंचायत द्वारा विभिन्न बैंकों को लक्ष्य से भी आगे बढ़कर करीब 3850 प्रकरण तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं, लेकिन अधिकांश बैंकें प्रस्तावित प्रकरणों को स्वीकार करने में कोई रुचि नहीं ले रहीं हैं। स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स ने तो एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं किया है।
आसान किश्तों पर मिलता है ऋण
इस योजना में पात्र परिवार को आवास निर्माण के लिए आसान किश्तों पर 10, 12 व 15 वर्षीय ऋण प्रदान किया जाता है। मकान निर्माण के लिए कुल 1.20 लाख का प्राक्कलन बनता है। इसमें बैंक द्वारा 50 हजार का ऋण और 50 हजार का अनुदान तीन किश्तों में दिया जाता है, जबकि 20 हजार रुपए स्वयं हितग्राही का अंशदान शामिल होता है। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलता है, जिनके पास स्वयं का आवास न हो, एक हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि न हो, वार्षिक आय दो लाख से अधिक न हो, स्वयं का भूखण्ड हो या शासन से पट्टे पर भूखण्ड प्राप्त करने की पात्रता रखता हो।
किस बैंक के पास कितने प्रकरण
बैंक का नाम प्रस्तावित प्रकरण स्वीकृत प्रकरण
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया 1566 431
बैंक ऑफ इंडिया 195 108
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 928 00
सतपुड़ा नर्मदा क्षेत्रीय 1086
ग्रामीण बैंक

पंजाब नेशनल बैंक 80 06
बैंक ऑफ बड़ौदा 16 00

ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स 100 00 

Updated : 30 Oct 2014 12:00 AM GMT
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