पांच घंटे में मारे 221 सुअर आंकड़ा 314 का क्यों?
मीडिया ने की गिनती
शिवपुरी। अभी तक सुअरों को मारने वाला शूटर जो आंकड़ा बताता था वही माना जाता था। इसके फलस्वरूप एक रात में 1084 सुअर मारने का दावा ठोक दिया गया। सवाल उठे और नगरपालिका ने गिनती शुरू की तो कल रात्रि आंकड़ा 284 पर पहुंच गया और 13-14 की रात को मीडिया ने जब गिनती शुरू की तो विरोधाभाष शीशे की तरह सामने आ गया। मीडिया के तीन पत्रकारों ने एक-एक सुअर का हिसाब रखकर सुबह 5 बजे तक मारे गए 221 सुअरों की गिनती की, लेकिन सुबह नगरपालिका ने मृत सुअरों की संख्या 314 बताई। खास बात यह रही कि नगरपालिका के गिनती में लगे कर्मचारी पत्रकारों से मृत सुअरों की संख्या की जानकारी नोट करते रहे, परंतु गिनती में उन्होंने 93 सुअर बढ़ाकर बताए।
उक्त अभियान ठण्डी सड़क से रात 12 बजे प्रारंभ हुआ। शूटर टीम के साथ सुरक्षा के लिए पुलिस अमला व गिनती के लिए नपा कर्मचारी साथ चल रहे थे। ठण्डी सड़क से बड़ौदी तक ठेकेदार ने 12 सुअरों को शूट किया। इसके बाद पूरी टीम होटल ग्रीनव्यू होकर सरस्वती विद्यापीठ पहुंची जहां 16 सुअर शूट किए। इसके बाद सीएमएचओ कार्यालय के पास 44 सुअरों को मारा गया। वहीं लाल माटी क्षेत्र में 28, मलेरिया कार्यालय के पास 18 सुअर मारे गए। इसके बाद पूरा अमला फतेहपुर रोड के पास बिग सिनेमा के पास पहुंचा जहां 14 सुअरों को उन्होंने अपना निशाना बनाया।
बिग सिनेमा से माधव चौक चौराहा, कोर्ट रोड, नाई की बगिया तक 89 सुअरों का शिकार किया और अस्पताल चौराहे पर सुबह 5 बजे अभियान को विराम दिया। इस तरह कुल 221 सुअरों को शूट किया गया। शूटआउट के बाद हैदराबाद से आए सुअर उठाने वाले नगरपालिका की हिटैची की मदद से मृत सुअरों को उठाकर डंपर में डालते गए और सुअरों के शवों को बड़ौदी क्षेत्र में खोदे गए गड्ढों में दफनाया गया। इस अभियान के तहत अभी तक नगरपालिका द्वारा दिए गए आंकड़ोंं के अनुसार शूटर द्वारा 2805 सुअरों को शूट किया जा चुका है।
प्रशासन दूसरे चरण में करेगा छापामार कार्रवाई
सुअरपालकों द्वारा शहरभर से बड़ी संख्या में सुअरों को पकड़कर अपने-अपने बाड़ों में कैद कर लिया है लेकिन वे उन सुअरों की खेप बाहर नहीं पहुंचा रहे जिससे यह समस्या शूटआउट अभियान समाप्त होने के बाद बढऩे की संभावना है लेकिन नपा सीएमओ कमलेश शर्मा इस पर भी अपना ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं और उनका कहना है कि सुअरपालक अगर यह समझते हैं कि वे सुअरों को कैद कर उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो उनका सोचना गलत है। अगर कुछ ही समय में यह सुअर शहर से नहीं हटे तो नगरपालिका सुअरपालकों के बाड़ों पर छापामार कार्रवाई कर वहां बंद सुअरों को शूट भी करेगी।