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भारत की सख्ती के बाद, सीमा पर कम हुई फायरिंग

भारत की सख्ती के बाद, सीमा पर कम हुई फायरिंग
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जम्मू | सीमा पार से नौ दिन की भारी गोलीबारी और गोलाबारी के बाद बीती रात 192 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी में कमी आई है। पाकिस्तान ने हालांकि कठुआ जिले में सीमावर्ती चार चौकियों को निशाना बनाया।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जम्मू और सांबा जिलों में कोई गोलीबारी नहीं हुई। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रवक्ता ने कहा कि नौ और दस अक्टूबर की दरम्यानी रात को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जम्मू और सांबा जिलों में सीमा पार से कोई गोलीबारी नहीं हुई। प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान ने हालांकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में बीएसएफ की चार चौकियों को निशाना बनाकर 20 मिनट तक गोलीबारी की। यह गोलीबारी रात आठ बजे से रात आठ बजकर 20 मिनट तक चली। उन्होंने कहा कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नौ दिन तक भारी गोलीबारी हुई जिसमें आठ लोग मारे गए और 13 सुरक्षाकर्मियों सहित करीब 90 लोग घायल हुए। गोलीबारी के चलते 32 हजार से अधिक लोगों को सीमा स्थित अपने घरों को छोड़ना पड़ा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित 113 गांव सुनसान नजर आने लगे। पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा भारत की 60 सीमा चौकियों और जम्मू, सांबा तथा कठुआ जिलों के 130 से अधिक गांवों सहित लगभग समूची अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी के बाद सात और आठ अक्टूबर की मध्यवर्ती रात भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच भारी गोलीबारी हुई थी। गोलीबारी में बीएसएफ के तीन जवानों सहित 15 लोग घायल हो गए थे।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक अक्टूबर से लेकर 36 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हो चुका है। आठ अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई भारी गोलाबारी में एक परिवार की दो महिलाओं की मौत हो गई थी तथा 15 अन्य घायल हो गए थे। पांच और छह अक्टूबर की मध्यवर्ती रात जम्मू और पुंछ सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर से हुई भारी गोलाबारी में पांच ग्रामीण मारे गए थे और 34 अन्य घायल हुए थे। भारत ने इसकी कड़ी आलोचना की थी।
पाकिस्तानी सैनिकों और रेंजरों ने तीन अक्टूबर को संघर्ष विराम का चार बार उल्लंघन कर नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते कश्मीर घाटी के गुलमर्ग और जम्मू क्षेत्र के पुंछ तथा जम्मू सेक्टर के अग्रिम इलाकों में गोलाबारी की थी जिसमें एक लड़की मारी गई थी और छह लोग घायल हुए थे। दो अक्टूबर को पाकिस्तानी सैनिकों ने गोलाबारी कर पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा से लगते अग्रिम इलाकों को निशाना बनाया था, जिसमें छह नागरिक घायल हो गए थे।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कल कहा था कि पाकिस्तान के लिए स्थिति सामान्य करने का एकमात्र रास्ता यही है कि वह अपनी बंदूकों को खामोश रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पाकिस्तान स्थिति सामान्य करना चाहता है तो सबसे आसान तरीका यह है कि वह अपनी बंदूकों को खामोश रखे। यदि वे गोलाबारी रोकते हैं तो मुझे यकीन है कि यहां से हर कोई रूक जाएगा और इससे यह संकट खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान जानबूझकर नागरिक इलाकों को निशाना बना रहा है और इस तरफ हताहतों की संख्या इस बात का सबूत है।
सेना के अधिकारियों ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव में खलल डालने के लिए पाकिस्तान में आतंकी नेतृत्व बड़ी संख्या में आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में घुसाने के लिए बेचैन है।

Updated : 10 Oct 2014 12:00 AM GMT
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