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जमीन का फर्जी अनुबंध कर ठगे सवा तीन करोड़

ग्वालियर। टेकनपुर के पास कल्याणी गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कुछ किसानों की भूमि को अपनी बताकर सराफा बाजार के एक जमीन एवं स्वर्ण कारोबारी और उसके चार अन्य साथियों ने इस भूमि का बिक्री अनुबंध कर 3 करोड़ 31 लाख रुपये ठग लिए। एक माह पूर्व पुलिस के पास पहुंचे पीडि़त की शिकायत पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जांच की। जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार टोपी बाजार में वंदना ज्वेलर्स के नाम से सोने-चांदी का कारोबार करने वाले नरेन्द्र कुमार गुप्ता ने करीब एक माह पूर्व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि सराफा बाजार में ही सोने-चांदी का कारोबार करने वाले मनोज नामक युवक एवं उसके अन्य चार साथियों जहार सिंह यादव निवासी रिठौरा कला स्थानीय निवास बाला बाई का बाजार, अरिहंत जैन, अस्विनी जैन और मनोज के नौकर राजेन्द्र सोनी ने उसे बताया था कि टेकनपुर के पीछे से निकले राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्राम कल्याणी के सर्वे क्रमांक 600 से लेकर सर्वे क्रमांक 700 के बीच उनकी 45 से 50 बीघा जमीन है। इस जमीन को 26.50 लाख रुपये प्रति बीघा खरीदने का प्रस्ताव आरोपियों ने नरेन्द्र कुमार गुप्ता के सामने रखा तो उन्होंने जमीन के कागज एवं जमीन की साइट दिखाने को कहा। आरोपी नरेन्द्र गुप्ता को कल्याणी गांव के बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ले गए और सड़क किनारे पड़ी करीब 50 बीघा जमीन दिखाई। इसके बाद आरोपियों ने जमीन के कागज भी उन्हें दिखाए। आरोपियों ने चालाकी यह की कि जिस भूमि को खरीदार को दिखाया गया था वह भूमि विक्रेता की नहीं होकर किसानों की थी। जबकि किसी अन्य स्थान की जमीन के कागज क्रेता नरेन्द्र गुप्ता को दिखा दिए। आरोपियों ने एक वर्ष पूर्व 11 अक्टूबर 2013 को इस भूमि का विक्रय अनुबंध भी उनसे कर लिया। विक्रय अनुबंध के अग्रिम भुगतान के रूप में आरोपियों ने नरेन्द्र गुप्ता से 3 करोड़ 31 लाख रुपये भी लिए। अनुबंध संपादित होने के बाद नरेन्द्र गुप्ता ने कल्याणी गांव में पहुंचकर अनुबंध की हुई जमीन को देखा तथा ग्रामीणों से इस जमीन के संबंध में चर्चा की तो पता चला कि यह जमीन उससे अनुबंध करने वाले मनोज एवं उसके साथियों की है ही नहीं। जैसे ही यह बात पता चली नरेन्द्र गुप्ता के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। वह तुरंत शहर पहुंचे और मनोज और उनके साथियों द्वारा उसके साथ की गई धोखाधड़ी को उजागर करते हुए अपने अनुबंध को समाप्त करने की बात कहते हुए अपने पैसे मांगे। आरोपी पहले तो टालमटोल करते हुए उसे वहीं जमीन दिलाने की बात कहते रहे। लेकिन कुछ दिन बाद वे रुपये और जमीन अनुबंध दोनों ही दिए जाने से मुकर गए तो पीडि़त दुखी होकर पुलिस के पास पहुंच गया। करीब एक माह पूर्व नरेन्द्र गुप्ता ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से इस धोखाधड़ी की शिकायत करते हुए अपनी रकम वापस दिलाने की बात कही। अधिकारियों ने करोड़ों की ठगी को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा को सौंपी। श्री लोढ़ा ने मामले की जांच पड़ताल की तो ठगी का मामला सही निकला। इसके बाद पुलिस ने नरेन्द्र कुमार गुप्ता की शिकायत पर चारों आरोपियों मनोज, अरिहंत जैन, अश्विनी जैन, जहार सिंह और राजेन्द्र सोनी के विरुद्ध भादंवि की धारा 420, 120 बी के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया। पुलिस ने एक आरोपी मनोज को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि शेष चारों आरोपी जहार सिंह यादव, अरिहंत जैन, अश्विनी जैन, राजेन्द्र सोनी फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है। 

जहार सिंह है मास्टर माइंड
इस धोखाधड़ी में शामिल आरोपी जहार सिंह यादव को इस तरह की धोखाधड़ी का मास्टर माइंड बताया गया है। पीडि़त नरेन्द्र कुमार गुप्ता के अनुसार उसने कई लोगों के साथ इस तरह के फर्जी जमीनों के अनुबंध कर ठगा है। कुछ लोगों ने उसके विरुद्ध शिकायत भी की है तो कई लोग ठगे जाने के बाद चुपचाप बैठ गए।


Updated : 10 Oct 2014 12:00 AM GMT
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