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पार्टी जो भी जिम्‍मेदारी देगी, उसे निभाने को तैयार हूं: राहुल

पार्टी जो भी जिम्‍मेदारी देगी, उसे निभाने को तैयार हूं: राहुल
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नई दिल्ली | कांग्रेस समिति की शुक्रवार को होने वाली बैठक से पूर्व पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी बड़ी जिम्मेदारी संभालने को तैयार दिखे। इस बैठक में उन्हें कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की संभावना है।
राहुल गांधी ने एक साक्षात्कार में कहा कि मैं कांग्रेस का सिपाही हूं। मुझे जो भी आदेश दिया जाएगा, मैं उसका पालन करूंगा। कांग्रेस जो भी कहेगी, मैं करने को तैयार हूं, हमारी पार्टी में फैसले वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी कुछ फैसले लिए गए, सत्ता जहर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जिम्मेदारी संभालने का इच्छुक नहीं हूं। मेरी जिंदगी में हठधर्मिता का कोई शब्द नहीं है, कांग्रेस ने जो भी मुझसे चाहा, मैंने किया है। उनसे सवाल किया गया था कि क्या वह प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं और क्या ऐसी अवधारणा है कि वह हठधर्मी हैं।
पिछले वर्ष जनवरी में जयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर में राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर कि उनकी मां सोनिया गांधी ने उन्हें बताया है कि सत्ता जहर है, इससे इन अटकलों को हवा मिली थी कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष जिम्मेदारी संभालने के इच्छुक नहीं हैं। इससे विपक्ष को भी पार्टी पर हमला करने का मौका मिल गया था।
अपनी टिप्पणी की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता जहर है, यह एक अवलोकन है कि जब सत्ता आती है तो सत्ताधारी को यह पता होना चाहिए कि इसके साथ आने वाले खतरों से कैसे निपटना है। कहने का मतलब यह है कि सत्ता के जहर होने का मतलब है कि सत्ता का इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए करो और किसी को इसका इस्तेमाल खुद को बड़ा या अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए नहीं करना चाहिए। इस संबंध में सीधा सवाल किए जाने पर कि क्या वह ऐसी कोई जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे, राहुल गांधी ने कहा कि मेरे परिवार में से किसी ने भी कभी भी सत्ता के लिए काम नहीं किया। न मेरे पिता ने और न मेरी दादी ने।
राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी दोनों देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा एक लोकतांत्रिक संगठन है। लोकतंत्र में हमारा विश्वास है। भारत की जनता अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से फैसला करेगी कि कौन देश का प्रधानमंत्री बनेगा। देश के हितों के लिए कांग्रेस का सत्ता में आना जरूरी है और उसके लिए संगठन ने जो भी जिम्मेदारी मुझे दी गयी है या दी जायेगी, मैं उसे पूर्ण समर्पण से निभाउंगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस देश के डीएनए में समायी हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रही है। वह यह नहीं समझती कि कांग्रेस एकमात्र राजनीतिक ताकत है जिसने इस देश की जनता को एकजुट रखा है। उनका यह जवाब नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के संबंध में किए गए सवाल को लेकर भी था।
राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट करने का प्रयास किया कि उनकी बहन और मित्र प्रियंका गांधी की कोई चुनावी भूमिका नहीं होगी और वह, कांग्रेस की एक सक्रिय सदस्य के नाते, उनकी मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रियंका मेरी बहन और दोस्त है। इसके अलावा वह कांग्रेस की सक्रिय सदस्य है और यही कारण है कि वह मुझे और संगठन को मजबूत करने के लिए मदद कर रही है। मैं नहीं समझता कि उसकी कोई चुनावी भूमिका होगी। वह प्रियंका के लिए बड़े और सीधी राजनीतिक भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों का जवाब दे रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा कि वर्ष 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों की तरह कांग्रेस का हमेशा खराब आकलन किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि हां, आगामी चुनाव हंगामेदार रहेगा और मुझे पूरा विश्वास है कि हम चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। पार्टी में अपनी भावी भूमिका के संबंध में किए गए सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने एक ही व्यक्ति पर इतना अधिक ध्यान केंद्रित किए जाने पर निराशा जतायी। उन्होंने कहा कि मेरा सवाल यह है कि सभी बहसें एक ही पद पर आकर क्यों रुक जाती हैं, इस पर राष्ट्रीय स्तर पर क्यों बहस होती है, क्यों एक व्यक्ति विशेष पर चर्चा की जाती है, कोई क्यों नहीं राजनीति में सुधार की बात करता है, क्यों कोई व्यवस्था को बदलने के लिए तैयार नहीं है, बहस इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि कैसे हम राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने इससे पूर्व कहा था कि उनकी पार्टी को आम आदमी पार्टी से सीखना चाहिए। हालांकि उन्होंने अरविंद केजरीवाल की पार्टी से कुछ मुद्दों पर असहमति भी जतायी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक मजबूत और सक्रिय पार्टी है। कांग्रेस ने पहले भी देश में राजनीति के स्वरूप में बदलाव किया है और हम भविष्य में भी ऐसा करेंगे। हम इन मुद्दों को तब से ही उठा रहे हैं, जब से मैं राजनीति में आया हूं। इनमें से कुछ चीजों को आप ने लागू भी किया है। लेकिन हमारा तरीका अलग है। मैं उनके कई तौर तरीकों से सहमत नहीं हूं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हमारे फैसले लोगों के सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए होने चाहिए न कि तुच्छ हितों को ध्यान में रखकर।

Updated : 14 Jan 2014 12:00 AM GMT
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