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भूमि अधिग्रहण विधेयक को भी मिली संसद की मंजूरी

भूमि अधिग्रहण विधेयक को भी मिली संसद की मंजूरी
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नई दिल्ली | खाद्य सुरक्षा विधेयक के बाद संसद ने संप्रग सरकार के एक और महत्वाकांक्षी भूमि अधिग्र्हण विधेयक को मंजूरी दे दी जो 119 साल पुराने कानून की जगह लेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि अब से किसानों की भूमि का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं किया जा सकेगा। विधेयक में ग्रामीण इलाकों में जमीन के बाजार मूल्य का चार गुना और शहरी इलाकों में दो गुना मुआवजा देने का प्रावधान है। राज्यसभा ने बुधवार को भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍वस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदिर्शता का अधिकार विधेयक 2013 पर देर रात अपनी मुहर लगा दी।
सदन ने इसे 10 के मुकाबले 131 मतों से मंजूर कर लिया। इसके पहले सदन ने विधेयक पर विपक्ष द्वारा लाए गए विभिन्न संशोधनों को नामंजूर कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
विधेयक पर उच्च सदन में हुयी चर्चा का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इस कानून के बन जाने के बाद भूमि का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं किया जा सकेगा और भू स्वामियों को उचित मुआवजा मिलेगा। रमेश ने कहा कि यह चुनावी नहीं बल्कि जरूरी विधेयक है जिसे तैयार करने में सात साल लगे हैं। उन्होंने कहा कि इसका मसौदा सितंबर 2011 में तैयार किया गया था और इसे सितंबर 2011 में ही लोकसभा में लाया गया था। उन्होंने कहा कि विधेयक का मूल सिद्धांत संतुलन है, जिसमें शहरीकरण और औद्योगिकीकरण पर भी विचार किया गया है।

Updated : 5 Sep 2013 12:00 AM GMT
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