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मुजफ्फरनगर हिंसा: शहर में शांति, ग्रामीण क्षेत्रों में तनाव

मुजफ्फरनगर हिंसा: शहर में शांति, ग्रामीण क्षेत्रों में तनाव
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लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में गत शनिवार को भड़की हिंसा अब शांत हो चुकी है, लेकिन जिले के ग्रामीण इलाकों में तनाव अभी भी बरकरार है। शहरी इलाकों में सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील दी जा रही है।
गांवों में अमन-चैन की बहाली के लिए सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाकर ग्रामीणों के बीच सुरक्षा का माहौल तैयार किया जा रहा है। मुजफ्फरनगर के शहरी इलाके में शुक्रवार को कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील दी गई थी और इस दौरान हिंसा की नई घटना सामने नहीं आई। सुबह सात बजे से शाम सात बजे के बीच यह ढील शनिवार को भी जारी रहेगी।
मुजफ्फरनगर और शामली जिले में बनाए गए 30 से अधिक राहत शिविरों में करीब 40 हजार लोगों ने शरण ली है। प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण इलाकों से आए इन लोगों को पुन: घर वापस भेजना है। लोग अभी भी दहशत के साए में जी रहे हैं और घर लौटने को तैयार नहीं हैं। प्रशासन की ओर से हालांकि, राहत शिविरों में दवाइयां, खाने के पैकेट और दूध जैसी जरूरी चीजों के इंतजाम करवाए जा रहे हैं। प्रभावितों की संख्या बढ़ने की वजह से प्रशासन को टेंट लगवाने पड़े हैं। जिले के ग्रामीण इलाकों में दोबारा हिंसा न भड़के इसके लिए करीब 500 अति संवेदनशील गांवों की पहचान की गई है और उन गावों में 500 से अधिक पुलिस चौकियां स्थापित की गई हैं और मोबाइल वैन तैनात की गई हैं। हिंसा फैलाने के आरोप में अभी तक लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक आशीष गुप्ता के मुताबिक मुजफ्फरनगर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं और जल्द ही स्थिति को पूरी तरह से काबू में कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिले में गत शनिवार को भड़की हिंसा में अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक घायल हुए हैं।

Updated : 14 Sep 2013 12:00 AM GMT
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