नई दिल्ली। एनआईए ने भारत और अमेरिका के साथ हुए एक गोपनीय करार का हवाला देते हुए इशरत जहां मुठभेड मामले की जांच कर रही सीबीआई के साथ 26/11 आतंकी हमले के आरोपी डेविड हेडली के इकबालिया बयान को साझा करने से इनकार कर दिया है। गृह मंत्रालय हेडली के बयान को सीबीआई से साझा करने के मुद्दे पर अजीब स्थिति में फंस गया है।
मंत्रालय ने संघीय जांच ब्यूरो को दिए गए हलफनामे का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि मंत्रालय एनआईए के अलावा किसी भी अन्य जांच एजेंसी के साथ इस बयान को साझा नहीं करेगा। सीबीआई ने वर्ष 2004 में गुजरात मुठभेड मामले की पीडिता इशरत जहां के पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तय्यबा के साथ संबंध होने की रिपोटों की सत्यता की जांच के लिए एनआईए को बयान साझा करने के संबंध में लिखा था। एनआईए ने गृह मंत्रालय को सीबीआई की मांग के बारे में सूचित किया और बताया कि वह सीबीआई के साथ हेडली के बयान को साझा नहीं कर सकता क्योंकि एफबीआई आपसी विधि सहायता संधि के तहत वर्ष 2010 में हेडली के साथ मुलाकात कराने पर इस शर्त के साथ सहमत हुई थी कि एनआईए उसका बयान किसी अन्य के साथ साझा नहीं करेगी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के बाद ही सूचना को साझा कर सकता है।
हेडली का बयान सीबीआई को नहीं देगी एनआईए
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Updated : 2013-08-18T05:30:00+05:30
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