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भगत सिंह का त्याग सरकारी रिकॉर्ड का मोहताज नहीं: प्रधानमंत्री

भगत सिंह का त्याग सरकारी रिकॉर्ड का  मोहताज नहीं: प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली | क्रांतिकारी भगत सिंह की शहादत पर विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि  भगत सिंह के शहीद का दर्जा किसी सरकारी दस्तावेज मोहताज नहीं है। सिंह ने इस विवाद को खत्म करने का आह्वान किया और लोगों से इस विवाद में न पड़ने की भी अपील की। प्रधानमंत्री का यह बयान एक आरटीआइ अर्जी पर गृह मंत्रालय के जवाब से उठे विवाद के बाद आया है। मंत्रालय ने कहा था कि उसके पास भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहीद के दर्जे को लेकर कोई दस्तावेज नहीं हैं।इस विवाद पर दुख व्यक्त करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारा देश स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का ऋणी है। प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, 'शहीद भगत सिंह ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया जो एक तथ्य है। यह तथ्य आधिकारिक दस्तावेजों के होने या न होने पर निर्भर नहीं है। पूरा राष्ट्र शहीद भगत सिंह और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञ है जिन्होंने देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना जान न्यौछावर कर दिया।'
गौरतलब है कि आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं, जो यह साबित करे कि भगत सिंह को कभी शहीद घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के बाद शहीद भगत सिंह के भगत सिंह के प्रपौत्र यादवेंद्र सिंह ने भगत सिंह को शहीद का दर्जा देने की मांग की थी। यादवेंद्र सिंह अब उन्हें शहीद का दर्जा दिलाने के लिए अभियान छेड़ने की तैयारी कर रहे हैं। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव 23 मार्च 1931 को लाहौर की जेल में फांसी दे दी गई थी।


Updated : 18 Aug 2013 12:00 AM GMT
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