श्योपुर | एक मच्छर........। रजतपट से वास्ता रखने वाली एक बहुचर्चित फिल्म के उक्त डायलॉग को यदि संसदीय भाषा में दोहराया जाए तो कहा जा सकता है कि मामूली से दिखाई देने वाले मच्छर की भिन-भिन स्वास्थ्य विभाग जैसे बड़े महकमे ही नहीं दुनिया भर की नींद उड़ा सकती है लेकिन श्योपुर जिले में इस तरह का कोई प्रमाण इन दिनों जिला मुख्यालय से लेकर ग्राम्यांचल और वनांचल तक नहीं मिल रहा है।
जहां एक ओर मच्छरों की वंश-वृद्घि और दंश-वृद्घि को मद्देनजर रखते हुए आम जनजीवन मलेरिया सहित अन्यान्य संक्रामक बीमारियों की आशंकाओं से त्रस्त दिखाई देने लगा है वहीं दूसरी ओर मलेरिया उन्मूलन जैसी कवायद चलाने वाला स्वास्थ्य महकमा और उसका सहयोग करने वाला नगरीय प्रशासन अभी सुप्तावस्था से बाहर नहीं आया है। बीते हुए वर्षों में ग्रीष्मकाल से वर्षाकाल के बीच मलेरिया के साथ-साथ डेंगू और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियों की चपेट में आ चुके जिले में रोगों के संभावित फैलाव को रोकने के लिए हालांकि स्वास्थ्य विभाग एहतियाती उपायों की योजनाओं वर्ष भर से बनाता आ रहा है तथा प्रचार-प्रसार और जनजागरण कार्यक्रम भी चला रहा है लेकिन मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम पर अमल की शुरूआत अभी भी नहीं हुई है।
नगरपालिका परिषद नगरीय क्षेत्र में गंदगी के निस्तार और मच्छरों के आतंक को लेकर अभी कतई चिंतित नहीं है तथा हर गली-कूचे में मच्छरों का आतंक बदस्तूर जारीहै। मई माह के आधा गुजरने से पहले सुर्ख हो चुके गर्मी के तेवरों के बीच बिजली संकट को भोगने वाले जिले के वाशिंदे खुली हवा में राहत की सांस लेने के चक्कर में मच्छरों के हमलों का शिकार बन रहे हैं तथा यही वो दौर है जो मच्छरों के आक्रामक तेवरों के दिनों-दिन खतरनाक होने का आभास जनसाधारण को करा रहा है। इससे पहले कि स्वास्थ्य विभाग तथा नगर प्रशासन द्वारा मच्छरों के खिलाफ किसी तरह का कोई मोर्चा खोला जाए मच्छर खुद जरूरत से ज्यादा सक्रियता दिखाते हुए लामबंद और आंदोलित नजर आने लगे हैं तथा उन्होंने लोगों को मलेरिया के लक्षणों के साथ जिला चिकित्सालय भेजने का क्रम आरंभ कर दिया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि हालात बेकाबू होने से पहले जन-स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार उक्त दोनों विभाग अपने दायित्वों को लेकर सजग होंगे और मच्छरों की भिन-भिन पर काबू पाने के लिए कारगर रणनीति पर अमल की शुरूआत करेंगे।
इनका कहना है
मच्छरों के खात्मे के लिए विभाग सतर्क है। आम नागरिकों को भी चाहिए कि वे मलेरिया उन्मूलन के लिए प्रचारित-प्रसारित उपायों को अपनाकर रोगों के उन्मूलन में सहभागी बनें। मच्छरों के समूल उन्मूलन के लिए घर और आसपास का वातावरण साफ-सुथरा रखना चाहिए तथा रोग के लक्षणों की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार जांच व उपचार सेवाओं का लाभ तत्काल लेना चाहिए।
डॉ. एस.के. तिवारी
सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय श्योपुर
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मच्छरों की फौज ने उड़ाई शहरवासियों की नींद, स्वास्थ्य विभाग ने अब तक शुरु नहीं किया मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम
Updated : 2013-05-13T05:30:00+05:30
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