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सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

शिवपुरी | विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम प्रभाकांत शुक्ला ने दिए एक महत्वपूर्ण फैसले में दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड न देने पर अतिरिक्त कारावास काटने का निर्देश दिया है। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक स्वरूपनारायण भान ने की। अभियोजन के अनुसार 21 सितम्बर 2012 को पीडि़ता शिवपुरी रोड़ पिछोर स्थित आरा मशीन के पीछे लकड़ी बीन रही थी। तभी आरोपी बंटी पुत्र नंदराम रजक उम्र 33 वर्ष निवासी वाचरौन चौराहा पिछोर अपने अन्य साथी के साथ वहां आया और पीडि़ता को पकड़कर झाडिय़ों के बीच ले गया। इसके पश्चात आरोपी बंटी ने तथा उसके बाद उसके साथी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीडि़ता ने यह सारा घटनाक्रम अपने पति को बताया। जिसके बाद थाने जाकर आरोपियों की शिकायत कराई। पुलिस ने आपराधिक प्रकरण कायम कर न्यायालय में पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायालय में सामने आए तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार आरोपी बंटी को दुष्कर्म का दोषी माना तथा उसे धारा 376 (2)(छ) के आरोप में 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 2 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड न देने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त कारावास काटने का निर्देश दिया है। मामले में एक अन्य आरोपी की कोई शिनाख्त नहीं हो सकी है। 

Updated : 15 April 2013 12:00 AM GMT
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