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मंडेला के सम्मान में भारत में पांच दिन का राजकीय शोक

मंडेला के सम्मान में भारत में पांच दिन का राजकीय शोक
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नई दिल्ली। भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के निधन पर पांच दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। मंडेला के निधन पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, यूपीए अध्यक्षा, नरेन्द्र मोदी सरीखे नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मंडेला सभी नेताओं के लिएएक कुशल राजनीतिज्ञ और मानवता के लिए प्रेरणादायक रहेंगें। मुखर्जी ने कहा की वो भारत के सच्चे मित्र थे और दोनों देश के मध्य रिश्तों में मजबूती लाने के लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। विदित हो कि मंडेला को 1990 में भारत और दक्षिण अफ्रिका के मध्य रिश्तों को मजबूत बनानें के लिए भारत रत्न से नवाजा गया था।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि मंडेला तानाशाही और अन्‍याय के विरुद्ध अपनी जनता के स्‍वाधीनता और सम्‍मान प्राप्ति के संघर्ष का जीवंत प्रतीक थे। उन्‍होंने कहा कि जहां एक ओर रंगभेद विरोधी आंदोलन के दौरान श्री मंडेला के साहस, दृढ़ता और बलिदान ने लाखों लोगों को प्रेरित किया, वहीं दूसरी ओर शांति, क्षमा और सुलह के उनके संदेश ने उन्‍हें एकजुट किया और उसके बाद शांति और प्रगति की राह पर विविधताओं वाले अपने राष्‍ट्र का नेतृत्‍व किया।
प्रधानमंत्री मनमोहन ने ट्विटर के जरिए कहा कि मंडेला एक सच्चे गांधीवादी थे। एक महान व्यक्ति को हमने खो दिया है। दक्षिण अफ्रिका के साथ-साथ भारत को भी इससे नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री मनमोहन ने कहा कि उनका पूरा जीवन और सभी कार्य सदियों तक प्रेरणादायक रहेंगें।
यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी ने संसद में कहा कि मंडेला ने साहस और कुर्बानी की नई परिभाषा गढ़ी। उनका साहस महामानव जैसा था। सोनिया ने कहा, ''महात्मा गांधी, जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया, की तरह वह भी पूरी मानवता से जुड़े थे।'' केन्‍द्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री तथा भारतीय रंगभेद विरोधी आंदोलन के पूर्व अध्‍यक्ष आनन्‍द शर्मा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर के समापन के बाद के प्रथम राष्‍ट्रपति नेल्‍सन मंडेला के निधन से हम सभी को गहरा दुख पहुंचा है। उनके निधन से विश्‍व ने स्‍वाधीनता और मानव गरिमा का महान प्रतीक खो दिया है। वे एक ऐसे नेता थे, जिन्‍होंने दुनिया भर में भेदभाव और दमन के शिकार लाखों लोगों में आशा, साहस और हिम्‍मत का प्रसार किया। उन्‍होंने रंगभेद के अभिशाप के विरुद्ध दक्षिण अफ्रीकी जनता के साहसपूर्ण संघर्ष का नेतृत्‍व किया और नृशंस रंगभेदी शासन का तख्‍ता पलट सुनिश्चित किया।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'हम में से बहुतों को गांधी जी को जिंदा देखने का सौभाग्य नहीं मिला। लेकिन हम खुशनसीब हैं कि हम नेल्सन मंडेला के जीवन के गवाह बने। हमने अहिंसा और शांति का एक प्रतीक खो दिया है।'


Updated : 6 Dec 2013 12:00 AM GMT
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