नई दिल्ली | उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुयी हिंसा के मामले की जांच को लेकर दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी। याचिका में हिंसा मामले की जांच राज्य पुलिस के बदले किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपे जाने की मांग की गयी है। मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है। न्यायालय ने यह आदेश मेरठ की जाट महासभा की उस जनहित याचिका पर दिया जिसमें उत्तरप्रदेश पुलिस की जांच पर सवाल उठाया गया है और किसी किसी अन्य एजेंसी से जांच कराये जाने की अपील की गई थी।
गौरतलब है कि इन दंगों के दौरान हत्या और संपत्ति जलाने के मामलों में अब तक 88 लोग गिरफ्तार किये गये हैं। पुलिस ने इस संबंध में हत्या के 52, संपत्ति जलाने के 59 मामले दर्ज किये हैं और इनमें 116 लोगों को आरोपी बनाया गया है। दंगा प्रभावित जिलों मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, सहारनपुर और मेरठ में 6315 लोगों के खिलाफ कुल 565 मामले दर्ज किये गये हैं। इस दंगे में 62 लोग मारे गए थे और 40 हजार लोग बेघर हो गए थे। हजारों लोग अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं।
मुजफ्फरनगर हिंसा: केंद्र व उत्तरप्रदेश सरकार से उच्चतम न्यायालय ने मांगा जवाब
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Updated : 2013-11-18T05:30:00+05:30
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