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जनमानस

बलात्कार की घटनाओं का जिम्मेदार कौन?


आज कल बलात्कार की घटनाएं आमतौर पर बढ़ रही है। इन घटनाओं के जिम्मेदार कौन हैं। इनके पीछे छिपे कारणों पर गौर करना आवश्यक है। प्रथम कारण भारत में बढ़ती विकराल पाश्चात्य संस्कृति की छाया। दूसरा कारण भारत में बालिकाओं का गिरता लिंगानुपात। भारत में आज की सरकार ने भले ही महिलाओं को पुरुषों की बराबरी का दर्जा दिया हो, लेकिन मर्यादा लांघने का नहीं। हमारा भारत पहिले से ही महिला प्रधान रहा है, जिसमें हिल्याबाई, रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई व कौशल्या, कैकई जैसी वीरांगनाओं ने देश का नाम रोशन किया है। यहीं इन्दरा गांधी जैसी राजनीतिज्ञ भी बनीं। इन्होंने देश भी चलाया और मर्यादा को भी थामे रखा। आज जब पाश्चात्य संस्कृति की छाया के चलते लड़कियां आधे अधूरे कपड़ों में रहकर आम जगह को उत्तेजनात्मक अंग प्रदर्शन कर रही हैं। दिन तो दिन रात्रि के दस बजे से बारह बजे तक अपने पुरुषों मित्रों के साथ मटर गस्ती करतीं हैं। माता पिता इन्हें देख कर भी अनदेखी करते हैं। जब कोई छेड़छाड़ या बलात्कार की घटना इनके साथ होती है तब बखेड़ा खड़ा करते हैं। जब कि स्वयं युवतियों को, संरक्षकों को व माता पिताओं को अपनी महिलाओं व लड़कियों के इस फूहड़ और उत्तेजक अंग प्रदर्शन पर सख्ती से रोक लगाना आवश्यक है, अगर माता पिता अपनी लड़कियों पर प्रतिबंध नहीं चाहते हैं तब उन्हें अपनी लड़कियों को वीरांगना, साहसी एवं राजनीति में निपुण बनाना आवश्यक है। अन्यथा भारतीय सभ्यतानुसार मर्यादा में रखना आवश्यक है। महिलाओं, लड़कियों के फूहड़ उत्तेजनात्मक अंग प्रदर्शन व मर्यादाहीनता ही इन घिनौनी घटनाओं की प्रथमत: जिम्मेदार हैं।

रमेश श्रीवास्तव, ग्वालियर

Updated : 1 Jan 2013 12:00 AM GMT
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