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हज, लाभ कमाने के लिए नहीं: सुप्रीम कोर्ट

हज, लाभ कमाने के लिए नहीं: सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हज या$img_titleत्रा कराने वाले निजी टूर ऑपरेटर लाभ कमाने के मकसद से अपना कारोबार नहीं चला सकते| न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने निजी टूर ऑपरेटर्स की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, "हज, लाभ कमाने के लिए नहीं है।" निजी टूर ऑपरेटर्स ने अपनी याचिका में हज सीट्स पाने के लिए खुद को पंजीकृत किए जाने की मांग की थी| वर्ष 2012 के लिए निजी टूर ऑपरेटर्स से सम्बंधित हज नीति के साथ हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए न्यायालय ने कहा कि नीति में सुधार की काफी गुंजाइश है| कोर्ट ने कहा कि हज नीति सभी सम्बंधित ऑपरेटर्स के लिए उचित व निष्पक्ष होनी चाहिए और यह नीति ऐसी नहीं होनी चाहिए, जिससे हज यात्रियों की यात्रा पर चंद निजी ऑपरेटर्स का एकाधिकार हो जाए| वर्ष 2012 की हज नीति के अनुसार, 2009-10 या 2010-11 में एक करोड़ का वार्षिक कारोबार करने वाला कोई भी टूर ऑपरेटर पंजीकरण का पात्र है| जिन टूर ऑपरेर्स ने शुक्रवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया, उन्होंने कहा है कि जिन लोगों का 2011-12 में एक करोड़ रुपये का कारोबार है, उन्हें भी हज यात्रा कराने वाले निजी टूर ऑपरेटर के रूप में पंजीकृत किए जाने पर विचार किया जाना चाहिए|

Updated : 27 July 2012 12:00 AM GMT
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