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भाजपा की किसानों को जोड़ने की कवायद

भाजपा की किसानों को जोड़ने की कवायद
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$img_titleमुंबई।
आगामी विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा आर्थिक और कृषि से जुड़े मुद्दों पर ही सरकार को घेरेगी। यही कारण था कि मुंबई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी ने अलग से कृषि पर एक प्रस्ताव पारित कर न सिर्फ किसानों बल्कि वनोपज पर जीवन यापन कर रहे लोगों को भी लुभाना शुरू कर दिया है।


गुरुवार को बैठक में एकमत से पारित प्रस्तावों में सरकार को घेरने की कोशिश हुई। कृषि पर प्रस्ताव पेश करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किसानों की आत्महत्या, सूखे और बाढ़ सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने भाजपा शासित कुछ राज्यों का हवाला देते हुए सरकार से मांग की कि एक फीसद ब्याज की दर पर कृषि ऋण दिया जाना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने नदी जोड़ परियोजना को जरूरी बताते हुए सीड बैंक, किसान आय बीमा, मिंट्टी का हेल्थ कार्ड, जैसी कई मांगें रखीं।

उन्होंने कहा कि पार्टी वनोपज के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने और उसकी खरीद के लिए व्यवस्था करने के प्रस्ताव को भी शामिल करेगा। राजग सरकार के काल में किसानों के लिए की गई कोशिशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान संप्रग सरकार असंवेदनशील हो गई है। यही कारण है कि किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने वादा किया कि भाजपा भूख और गरीबी मुक्त देश के लिए संघर्ष करेगी।

बाद में एक आर्थिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसकी जाकारी देते हुए डा मुरली मनोहर जोशी ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला किया। पेट्रोल की कीमत में लगी आग का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकारी नीतियों का खामियाजा है। रुपये पर डालर लगातार भारी पड़ता जा रहा है। देश की साख गिरती जा रही है। आम जनता से लेकर खास तक परेशान है लेकिन सरकार अपने ही अदर मतभेदों से भरी है।

Updated : 25 May 2012 12:00 AM GMT
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