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दाम नहीं बढ़े तो घटेगी पेट्रोल की सप्लाई

दाम नहीं बढ़े तो घटेगी पेट्रोल की सप्लाई
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$img_titleनई दिल्ली
देश के साठ प्रतिशत से अधिक पेट्रोल पंप चलाने वाली सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल ने सोमवार को पंपों पर पेट्रोल की कमी का डर दिखाया। इंडियन ऑयल के प्रबंध निदेशक आरएस बुटोला ने कहा कि पेट्रोल के आयात पर भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में अगर घाटा जारी रहा, दाम नहीं बढ़ाए गए तो आयात में कमी करनी होगी।

इसका सीधा असर यह होगा कि पंपों पर पेट्रोल कम उपलब्ध होगा। इससे आम आदमी को शिकायत हो सकती है। हालांकि उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि जब पेट्रोल के दाम नियंत्रण मुक्त हैं तो कंपनियां अपने स्तर पर दाम क्यों नहीं बढ़ाती हैं? क्या उन पर सरकार की ओर से कोई अप्रत्यक्ष दबाव है?

दूसरी ओर, पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने कहा कि डीजल, केरोसीन, एलपीजी के दाम बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल के दाम नियंत्रण मुक्त हैं तो कंपनियों को निर्णय करना है। इंडियन ऑयल के सीएमडी आरएस बुटोला ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के बाद कहा कि कंपनियों को प्रति लीटर पेट्रोल पर 7.67 रुपए का नुकसान हो रहा है।

इसमें 20 प्रतिशत सेल्स टैक्स जोडऩे के बाद यह राशि 9.20 रुपए होती है। लगभग दस रुपए कम में पेट्रोल बेचने से कंपनियों को प्रति दिन 48 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। बुटोला ने कहा 'पेट्रोल के दाम में न्यूनतम दस रुपए तक बढ़ोतरी की जरूरत है।'

उन्होंने कहा हमारे उत्पादन की 93 प्रतिशत लागत कच्चे तेल का आयात है। अगर दाम बढ़ाने पर निर्णय नहीं होता है तो आयात कम करना होगा। इससे पंपों पर पेट्रोल की कमी हो सकती है। सरकार पर परोक्ष रूप से आड़े हाथ लेते हुए बुटोला ने कहा कि यह विचित्र स्थिति है कि पेट्रोल बिक्री पर एक्साइज डयूटी के तौर पर केंद्र सरकार 14.78 रुपए प्रति लीटर और राज्य सरकार 10-20 रुपए कमाती है। जबकि कंपनियों घाटा लगातार बढ़ रहा है। जून 2010 में सरकार ने पेट्रोल के दाम को नियंत्रण मुक्त कर दिया था। हालांकि माना जाता है कि सरकार की संस्तुति के बाद ही कंपनियां दाम बढ़ाती हैं।

कतर का दाम खारिज किया सरकार ने

घरेलू तरलीकृत गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कतर से हर साल भारत 50 लाख टन गैस आयात करना चाहता है। लेकिन मौजूदा ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत का कम से कम 14.5 प्रतिशत राशि दाम के रूप में देने की कतर की मांग को खारिज कर दिया है। सरकार का मानना है कि घरेलू उपभोक्ता इसे वहन नहीं कर पाएंगे।

तीस हजार किमी प्राकृतिक गैस लाइन ग्रिड

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने सोमवार को पेट्रो नेट एलएनजी संगोष्ठी के बाद बातचीत में कहा कि 2017 तक देश में 30 हजार किमी प्राकृतिक गैस लाइन ग्रिड होगी। यह खपत केंद्रों को ईंधन स्रोत से जोड़ेगी।

Updated : 3 April 2012 12:00 AM GMT
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