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फांसी पर राजनीति: आज पंजाब बंद, दिल्‍ली में पाटिल से मिलेंगे बादल

फांसी पर राजनीति: आज पंजाब बंद, दिल्‍ली में पाटिल से मिलेंगे बादल
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$img_titleनई दिल्ली।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के कातिल बलवंत सिंह राजोआना को 31 मार्च को फांसी होनी है। इससे पहले ही मौजूदा मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मंगलवार को दिल्ली पहुंचे हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सिंह से मिलकर राजोआना की फांसी टालने के लिए दया की अपील करेंगे।


लेकिन राजोआना ने सत्तारूढ़ अकाली नेताओं को जमकर कोसा है। उसने कहा है सिखों का समर्थन न खो दें, इस डर से वे माफी की कोशिश के लिए बाध्य हुए हैं। इस बीच चंडीगढ़ की जिला अदालत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि राजोआना की फांसी 31 मार्च को ही होगी।

राजधानी दिल्ली पहुंचे प्रकाश सिंह बादल बुधवार को सबसे पहले सहयोगी दल भाजपा के बड़े नेताओं से मिलेंगे। राजोआना मसले पर विश्वास में लेने की कोशिश करेंगे और पंजाब के हालात से वाकिफ कराएंगे। लेकिन बादल द्वारा पैरवी को राजोआना ने खारिज कर दिया है।

पटियाला जेल से सिखों के नाम पत्र जारी कर राजोआना ने कहा है-'नीली पगड़ी वाले अकाली नेताओं से किसी प्रकार की मदद नहीं लेना चाहता। इन्होंने सिखों को न्याय दिलाने के लिए अभी तक कुछ नहीं किया है।' राजोआना की बहन कमलदीप कौर ने भी जेल में मुलाकात के बाद कहा-'जब माहौल खिलाफ बनना शुरू हुआ तो सरकार राजोआना की फांसी माफी की बातें करने लग पड़ी।'

राजोआना की फांसी टलवाने की एक और कोशिश नाकाम रही। मंगलवार को चंडीगढ़ की जिला अदालत ने 31 मार्च को फांसी दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा है। पटियाला जेल के अधीक्षक को फांसी के लिए जारी एक्जीक्यूशन वारंट का पालन करने को कहा है। अदालत ने इसके पहले जेल अधीक्षक को वारंट जारी किए जाने के बावजूद पालन नहीं किए जाने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। उनसे 16 अप्रैल को जवाब मांगा है।

जेल अधीक्षक एस जाखड़ ने कानून और सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1982 के 'हरबंस सिंह बनाम स्टेट ऑफ यूपी' फैसले का हवाला देते हुए डेथ वारंट लेने से असमर्थता जताते हुए अर्जी दायर कर दी। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक और जनहित याचिका को खारिज करते हुए फांसी की सजा पर रोक से इंकार कर दिया है।

राजोआना की फांसी की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, पंजाब का माहौल गर्माता जा रहा है। आज पंजाब बंद का आह्वान है, इसको लेकर प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। पटियाला, लुधियाना, बठिंडा, मोगा सहित सभी जिलों में संवेदनशील स्थानों पर पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात कर दिए गए हैं। मंदिरों के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पटियाला में गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब चौक से केंद्रीय जेल तक की सुरक्षा व्यवस्था में उन्होंने कुछ फेरबदल भी किया। शिरोमणि अकाली दल [अमृतसर] के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि राजोआना मामले में 29 मार्च को तीन तख्तों से अलग-अलग खालसा मार्च शुरू किए जाएंगे। ये मार्च 31 मार्च को पटियाला पहुंचेंगे और इस दिन सेंट्रल जेल, पटियाला का घेराव किया जाएगा।

श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दिया गया 'जिंदा शहीद' का खिताब बलवंत सिंह राजोआना ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया। बुधवार को जेल में मिलने आई बहन कमलदीप कौर के हाथों भेजे लिखित संदेश में राजोआना ने कहा है कि वह अकाल तख्त के लिए खुद को समर्पित कर चुका है। इसके किसी भी आदेश को ठुकरा नहीं सकता। इसी कारण उसने खिताब को स्वीकार कर लिया है। पहले उसने इस खिताब को यह कहकर स्वीकार नहीं किया था कि वह किसी पुरस्कार या खिताब के लालच में खुद के लिए फांसी की सजा नहीं मांग रहा।

Updated : 28 March 2012 12:00 AM GMT
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