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ज्योतिर्गमय

विचार कभी नष्ट नहीं होते


उपरोक्त उद्गार स्वामी विवेकानंद के हैं। उनके बारे में कुछ भी कहना सूरज को दिया दिखाना है। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि आप गुफा में बंद है जहां से कोई रास्ता नहीं है पर आपके शक्तिशाली विचार गुफा को फोड़कर रास्ता बना लेंगे और बाहर निकल जाएंगे। आज तक दुनिया में जो कुछ अच्छा बुरा हुआ है आविष्कार हुए हैं। देश खोजे गए दुर्गम यात्राएं की लोगों ने युद्ध आतंक और अन्य अपराध जघन्य अपराध और अच्छे-अच्छे काम सब विचारों की शक्ति की ही देन है। याने विचार ही सब कुछ हैं। याने हर कार्य की शुरुतात विचारों से ही होती है। दो प्रकार के विचार होते हैं, नकारात्मक और सकारात्मक। नकारात्मक विध्वंस करते हैं और सकारात्मक निर्माण करते हैं। दोनों प्रकार के विचारों की लिस्ट बहुत लम्बी है। एक ओर है स्वास्थ्य, शांति, प्रसन्नता, सम्पन्नता, सुख, सफलता, विजय तो दूसरी ओर है रोग या अस्वस्थता, अशांति, उदासी, खिन्नता, गरीबी, दुख, असफलता। दोनों विपरीत दिशा में चलते हैं कहीं मिलते नहीं है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की तरह मिल ही नहीं सकते। दोनों में मित्रता भी नहीं हो सकती क्योंकि एक दूसरे को फूटी आंखों नहीं सुहाते। सही बात भी है कि आग और पानी में दोस्ती कैसे हो सकती है। फिर भी हम समझना नहीं चाहते। यादातर लोग इन विषयों को जानते हैं चिंतन भी करते होंगे पर नियंत्रण नहीं हो पाता और विचार अपना कार्य करते रहते हैं। हम जान कर भी अनजान बने रहते हैं। कब से आदमी पैदा हुआ है सोचना शुरू हुआ है असंख्य विचार बने होंगे और ब्रह्माण्ड में वायुमण्डल में पृथ्वी पर सभी जगह विचरण कर रहे हैं और जो अच्छा बुरा हो रहा है उनकी ही देन है। विचार वातावरण बनाते हैं वृत्त बनाते हैं और उस वृत्त में हम कभी-कभी फंस जाते हैं अपना नुकसान कर लेते हैं। और कभी अपने आप को नष्ट भी कर लेते हैं। कौन हमें बचाएगा। यह काम हमें स्वयं ही करना होगा। सोचिए कि हम क्या सोचते हैं उसकी उपयोगिता, लाभ क्या है। ये विचार हमें कहां ले जाएंगे क्या देंगे क्या छीनेंगे। जब इन्हीं से सब कुछ मिलना है तो इन्हें ही सलाम करें और कहें कि भाई अच्छे विचार भेजिए। अपना भला और सबका भला हो। यदि हम ही सुधर गए तो बहुतों का मार्ग दिखला सकेंगे। आम आदमी इन सब बातों को सोचता नहीं विचार का महत्व नहीं समझता तो फिर सुधार कैसे होगा। तो आइए सोचे कि हम क्या सोचते हैं क्या सोचना चाहिए। विचार ही मनुष्य है जीवन है इसे समझे बस यही मेरा संदेश है।


Updated : 20 Dec 2012 12:00 AM GMT
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