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पानी से भी फट सकता था टाइम बम,सुरक्षा एजेंसियों को परखने तो नहीं किया प्रयोग

ग्वालियर | बानमौरड्ड में बस के अंदर मिला टाइम बम अगर पानी के सम्पर्क में आ जाता, तो फट सकता था। विस्फोट विशेषज्ञों के अनुसार टाइम बम के अंदर विस्फोट करने के लिए विस्फोटक पद्धार्थ के रूप में सल्फर और पोटेशियम क्लोरेट भरा गया था। सल्फर और पोटेशियम के मिश्रण की रासायनिक प्रकृति ऐसी होती है कि पानी के सम्पर्क में आने पर मिश्रण में विस्फोट हो जाता है। हालांकि इसकी तीव्रता अधिक नहीं होती। इसके फटने से धमाका तो तेज होता है, लेकिन इसकी तीव्रता इतनी कम होती है कि यह लोहे की चादर के पाइप या सिलेण्डर को भी नहीं फाड़ सकता। इसके फटने से धुंआ काफी होता है।
इससे यह आशंका जताई जा रही है कि बम रखने का उद्देश्य जान माल की हानि से अधिक सुरक्षा एजेंसिंयो की सर्तकता को परखना था। पुलिस के साथ आतंकवाद निरोधी दस्ता इस बात की भी जांच कर रहा है कि टाइम बम फोडऩे में सफल रहने के बाद बम रखने वाले के मंसूबे भविष्य में गंभीर नुकसान के तो नहीं थे।
गत 12 दिसम्बर को बानमौर में यात्री बस के अंदर एक थैले में टाइम बम मिला था। टाइम बम को फटने से पहले ग्वालियर, मुरैना जिला पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के बम निरोधी दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था। बम को निष्क्रिय कर उसमें मिली विस्फोटक सामग्री को जांच के लिए सागर फौरेंसिक लैब भेजा गया है। प्राथमिक जांच में यह तो स्पष्ट हो गया था कि कम तीव्रता के विस्फोटक के मिश्रण से बम तैयार किया गया था। बम में पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर के मिश्रण का उपयोग विस्फोटक के रूप में किया गया था।
इस टाइम बम के संबंध में कुछ विशेषज्ञों से बात की, तो पता चला कि जब टाइम बम बस के अंदर रखा हुआ था, तब अगर किसी कारण से यह पानी के सम्पर्क में आ जाता, कोई यात्री इसके पास बैठता और धोखे से उसके हाथ से उस पर पानी गिर जाता या फिर निष्क्रिय करने से पहले इस पर पानी गिर जाता, तो यह टाइम बम फट सकता था।
विस्फोट विशेषज्ञों के अनुसार टाइम बम में डेटोनेटर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के साथ रिमोट को मिलाया जाता है। इसके बाद समय निश्चित किया जाता है। हल्के विस्फोटक के टाइम बम में रिमोट किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या फिर सर्किट के पास फिट कर दिया जाता है।
सुतली बम के बराबर होती है तीव्रता
जितनी मात्रा टाइम बम में पोटेशियम क्लोरेट और सोडियम की मिली है। उसके फटने पर तीव्रता एक सुतली बम के विस्फोट के बराबर होती। एक सुतली बम के बराबर तीव्रता इस मिश्रण की तब होती है, जब विस्फोटक की मात्रा 200 ग्राम तक होती है।
दतिया में हुआ था बड़ा हादसा
पिछले वर्ष दतिया में पटाखा बनाते समय बड़ा हादसा हुआ था। दतिया में पोटेशियम क्लोरेट, सल्फर, गंधक के मिश्रण से एक व्यक्ति पटाखा बना रहा था। इसमें गंधक और कुछ अन्य तीव्र विस्फोटक रासायनिक तत्व मिले हुए थे। इस मिश्रण से आतिशबाजी बनाते समय लापरवाही से मिश्रण पर पानी गिर पड़ा। इससे इतना तीव्र विस्फोट हुआ कि आतिशबाजी बनाने वाले व्यक्ति का शरीर दो-तीन हिस्सों में बंट गया था। विस्फोट इतना तीव्र था कि शरीर का एक हिस्सा तो ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाईन से जाकर चिपक गया था। इस मिश्रण की मात्रा करीब दो किलो थी। 

Updated : 16 Dec 2012 12:00 AM GMT
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