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भारत और चीन दोनों अमेरिका के लिए जरुरी- हिलेरी क्लिंटन

भारत और चीन दोनों अमेरिका के लिए जरुरी- हिलेरी क्लिंटन
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वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि अमेरिका को भारत और चीन के साथ अपने संबंध सफलतापूर्वक निर्वाह करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि ओबामा प्रशासन द्वारा एशिया में सैन्य, कूटनीतिक और वाणिज्यिक रूप से अमेरिका को मजबूत करने का मतलब चीन को ‘रोकना’ नहीं है। हिलेरी ने फोरन पॉलिसी पत्रिका समूह द्वारा आयोजित ‘परिवर्तनकारी रूझान 2013’ संगोष्ठी में कहा, ‘हमें चीन और भारत जैसी उभरती शक्तियों के साथ अपने संबंधों का सफलतापूर्वक निर्वाह करने की जरूरत है।’ विदेश नीति के मुद्दे पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘वैश्विक शक्ति के रूप में चीन का उदय एक दोराहे पर पहुंच रहा है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि चीन किस तरह, पड़ोसियों के साथ मतभेदों, आर्थिक चुनौतियों और राजनीतिक एवं आर्थिक व्यवस्था में व्याप्त तनाव से निपटता है।’ चीन एशिया प्रशांत क्षेत्र में मजबूत होती अमेरिकी उपस्थिति को लेकर लगातार अपनी चिंताएं जाहिर करता आया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की मजबूत स्थिति, चीन के लिए खतरा नहीं है। हिलेरी ने कहा, ‘इनमें से कुछ भी रोकथाम के लिए नहीं है। इसका उद्देश्य एशिया प्रशांत क्षेत्र में नियमों पर आधारित निर्देशों तक पहुंचना है। ताकि यहां आने वाले दशकों के लिए शांति और समृद्धि का प्रादुर्भाव हो।’ उन्होंने यह स्वीकार किया है कि अमेरिका-चीन संबंधों को आगे ले जाना विशेष रूप से महत्वूपर्ण है लेकिन यह बेहद चुनौतीपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका अर्थशास्त्र को अपनी विदेश नीति के केंद्र में ला रहा है। हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि अर्थशास्त्र तेजी से अंतर्राष्ट्रीय मामलों को आकार दे रहा है। ब्राजील और भारत जैसे देशों का प्रभाव उनके आकार के कारण से ही बढ़ रहा है लेकिन सैन्य ताकत से अधिक उनकी अर्थव्यस्था के बढ़ते आकार की वजह से उनकी ताकत अधिक बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अलग-अलग क्षेत्रों की शक्तियां जैसे ब्राजील एवं मैक्सिको, भारत एवं इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका एवं तुर्की जैसे देशों के साथ संबंधों का विकास करना होगा। अमेरिकी विदेश मंत्री का मानना है कि इन देशों का अपने क्षेत्रों में और वैश्विक मंच पर प्रभाव बढ़ रहा है।


Updated : 30 Nov 2012 12:00 AM GMT
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