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भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर और जबलपुर के मेडिकल कॉलेजों में आ रही है टेली-मेडिसिन सुविधा

भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर और जबलपुर के मेडिकल कॉलेजों  में आ  रही है टेली-मेडिसिन सुविधा
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भोपाल। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में जल्दी ही टेली-मेडिसिन सुविधा शुरू होने जा रही है। टेली-मेडिसिन के बाद मेडिकल कॉलेज रिर्सोस सेंटर के रूप में काम करेंगे और शासकीय चिकित्सालय इनसे संबद्ध रहेंगे। प्रदेश की राजधानी में भोपाल में खुले एम्स का प्रभाव सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सुधार की दिशा में दिखाई देने लगा है। प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालोंं को भी पूरी तरह एम्स जैसी तो नहीं, लेकिन मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इनजा उपलब्ध कराने जाने के किए मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग तैयार हो रहा है। सूत्रों की माने तो जल्द ही मेडिकल कॉलेजों में हृदय रोग, कैंसर रोग जैसी गंभीर बीमारियों के ईलाज की विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों में आवश्यक सभी विभाग अलग से बनेंगे।वहीं इन रोगों के लिए प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज में एम्स की तरह हर बीमारी के इलाज की व्यवस्था होगी। तथा अन्य मेडिकल कॉलेजों में अलग-अलग रोगों की सुपर-स्पेशलिटी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी । जानकारी के अनुसार पहले चरण में भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर और जबलपुर के मेडिकल कॉलेजों में तथा दूसरे चरण में रीवा, सागर के मेडिकल कॉलेजों में इन गंभीर बीमारियों से लडऩे के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाएगी। वहीं इनसे नेशनल नॉलेज नेटवर्क को भी जोड़ा जायेगा। इसके अलावा संचालनालय स्तर पर निर्माण कार्यों की मॉनीटरिंग और समीक्षा के लिए प्रोजेक्ट सेल भी बनने जा रहा है। दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में प्रबंधन के लिए हास्पिटल मैनेजमेंट विशेषज्ञों की मदद ली जायेगी।



Updated : 15 Nov 2012 12:00 AM GMT
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