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फुटबॉल में भारत ने किया कमाल, इस जांबाज ने मचाया धमाल

नई दिल्ली
स्टार स्ट्राइकर सुनील छेत्नी के एक और करिश्माई प्रदर्शन की बदौलत भारत ने अफगानिस्तान की चुनौती का यहां 4-0 से धुंआ निकालते हुए छठी बार सैफ फुटबाल चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में गत चैंपियन भारत ने पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ में 11 मिनट के अंतराल में तीन गोल दागते हुए अफगानिस्तान की चुनौती को ध्वस्त करने के साथ-साथ अपना खिताब बरकरार रखा।
भारत ने अपना चौथा गोल इंजरी समय में किया। नेहरू स्टेडियम में लगभग 15000 दर्शकों की मौजूदगी से उत्साहित भारतीय खिलाड़ियों ने अफगानिस्तान की चुनौती का बखूबी सामना किया और उसका पहली बार सैफ चैंपियन बनने का सपना चकनाचूर कर दिया। छेत्नी ने 63वें मिनट में मिली पेनल्टी पर भारत का पहला गोल दागा।
हालांकि इस पेनल्टी को लेकर पांच मिनट तक खासा विवाद चलता रहा और खेल भी रका रहा। क्लिफोर्ड मिरांडा ने 72वें मिनट में भारत का दूसरा गोल किया जबकि इसके दो मिनट बाद ही छेत्नी के शानदार मूव पर जे जे लालपेखलुआ ने भारत का तीसरा गोल किया। मैच के इंजरी समय में सुशील कुमार ¨सह ने भारत का चौथा गोल दागते हुए खिताब जीतने की खुशी को चौगुना कर दिया। दोनों टीमों ने ग्रुप चरण का मुकाबला एक-एक से ड्रॉ खेला था लेकिन फाइनल में भारत ने अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी।
अफगानिस्तान ने पहले हाफ में भारतीय डिफेंस पर खासा दबाव बनाया था और भारतीय स्ट्राइकिंग जोडी छेत्नी और जे जे पर कड़ी निगरानी रखी थी। लेकिन दूसरे हाफ में तस्वीर बिल्कुल बदली हुई थी। मैच के 63वें मिनट में सैय्यद रहीम नबी का शानदार क्रास बाक्स में जेजे ने संभाला लेकिन अफगानी खिलाडी फैजल साफा ने उन्हें पीछे से गिरा दिया।
सिंगापुर के रेफरी सुखवीर सिंह ने तुरंत पेनल्टी का इशारा कर दिया। अफगानिस्तान के गोलकीपर और कप्तान हमीदुल्ला यूसुफ जारी इस फैसले पर भड़क उठे और उन्होंने रेफरी को अपशब्द कहे और उनसे धक्का मुक्की की। रेफरी ने अफगानी कप्तान को तुरंत लाल कार्ड दिखाया और मैदान के बाहर भेज दिया।
यूसुफ जारी ने इस फैसले पर कड़ा प्रतिरोध जताया और मैदान से बाहर आने तक अपनी नाराजगी व्यक्त करते रहे। इस पूरे प्रकरण में पांच मिनट का समय खराब हुआ। छेत्नी ने पेनल्टी पर गोल दागा लेकिन रेफरी ने तुरंत ही पेनल्टी दोबारा लेने का इशारा किया। छेत्नी का इस बार भी शॉट गोल में पहुंच और भारत 1-0 से आगे हो गया। छेत्नी का टूर्नामेंट का यह सातवां गोल था और इसके साथ ही उन्होंने टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर का पुरस्कार हासिल कर लिया।
यूसुफ जारी को बाहर भेजे जाने के बाद अफगानी टीम दस खिलाड़ियों से खेली। मिरांडा ने कुछ देर बाद दाएं छोर से गेंद संभाली और डिफेंडरों को छकाने के बाद उनका बेहतरीन शाट गोलकीपर को भी परास्त कर गया। दो गोल से पिछडने के बाद अफगानियों का हौसला पस्त हो गया था। इसके दो मिनट बाद छेत्नी ने तेजी से अफगानी डिफेंस में घुसते हुए गेंद जे जे को थमाई जिन्होंने भारत का तीसरा और टूर्नामेंट का अपना दूसरा गोल करने में कोई गलती नहीं की।


मैच के इंजरी समय में सुशील कुमार ने भारत का चौथा गोल दागा और इसके साथ ही मैच समाप्त हो गया। पूरा स्टेडियम खुशी से उछल पडा और सभी भारतीय खिलाड़ियों और अन्य स्टाफ ने छठी खिताबी जीत की खुशी में एकदूसरे को गले लगाकर बधाई दी।


Updated : 26 Dec 2011 12:00 AM GMT
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